भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बुधवार से शुरू होने जा रही है। पहला टेस्ट बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाना है। सीरीज के आगाज से पहले टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने गेंदबाजों के लिए बड़ी बात कही है। दरअसल, गंभीर का कहना है कि हमें बल्लेबाजों पर आश्रित रहने वाले एटीट्यूड को खत्म करना चाहिए।
बता दें कि, पिछले दशक में क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में खेलने के तरीके में धीरे-धीरे बदलाव आया है। टेस्ट में ज्यादा समय बिताने वाले बल्लेबाजों की जगह गेंदबाजों का दबदबा बढ़ा है।
हाल ही में कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया टेस्ट मैच में भी इस बात का गवाह रहा। यहां बारिश और गीली आउटफील्ड के कारण दो दिन से ज्यादा खेल नहीं होने के बावजूद भारतीय टीम ने जीत हासिल की। भारत ने शुरु से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर बांग्लादेश पर दबाव बनाया और फिर गेंदबाजों ने 20 विकेट चटकाकर ऐतिहासिक जीत दिलाई।
वहीं कोच गंभीर ने भी कहा है कि अब समय बदल गया है। उन्होंने 20 विकेट और एक हजार रन की दिलचस्प तुलना की। गंभीर के अनुसार, बल्लेबाज भले ही जितने रन बना लें लेकिन जीत की गारंटी नहीं।
गंभीर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, वो दौर बीत चुका है। ये गेंदबाजों का दौर है। बल्लेबाज ही सिर्फ मैच सेटअप करते हैं। हमें बल्लेबाजों के प्रति इस जुनूनी एटीट्यूड को खत्म करना होगा। अगर कोई बल्लेबाज, 1000 रन भी बना लेता है तो उसके बाद भी जीत की गारंटी नहीं मिलती। लेकिन अगर कोई गेंदबाज 20 विकेट निकालने में सफल रहे तो 99 प्रतिशत गारंटी है कि हम टेस्ट मैच जीतेंगे।
कोच ने आगे कहा कि, इसलिए चाहे टेस्ट मैच हो या कोई अन्य फॉर्मेट, गेंदबाज आपको मैच और टूर्नामेंट जिताते हैं। इस दौर में हम बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों के बारे में ज्यादा बात करेंगे और मुझे उम्मीद है कि ये माइंडसेट बदलेगा। 1950 से 1990 के दशक के दौर में अगर बल्लेबाज एक या दो दिन से ज्यादा क्रीज पर टिके रहते थे तो अधिकतर मैच का नतीजा ड्रॉ ही होता था। हालांकि, पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का संकेत मिला है।