टीम इंडिया तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने से सिर्फ एक कदम दूर है। भारत और टाइटल के बीच न्यूजीलैंड नाम की बाधा मौजूद है और इसे पार करके ही टीम इंडिया साल 2013 के बाद एक बार फिर से चैंपियंस बनेगी। साल 2000 के फाइनल में कीवी ने भारत को हराया था और सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को हार मिली थी।
फाइनल में न्यूजीलैंड की टीम को हराना भारत के लिए आसान नहीं होने वाला है खास तौर पर तब जब ये टीम सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को जिस तरह से रौंदकर फाइनल में पहुंची है। हालांकि, भारत ने लीग मैच में कीवी टीम की बुरी हालत कर दी थी और उस मैच को जीत लिया था। लेकिन अब मिचेल सैंटनर की टीम को भी दुबई की पिच का अनुभव हो गया है और वो फाइनल में पलटवार करेंगे।
भारत को फाइनल जीतने के लिए हर एक कदम बेहद फूंक-फूंक कर रखने की जरूरत होगी और यही कोशिश करनी होगी की टीम से सभी खिलाड़ी अपना सौ फीसदी दें। टीम इंडिया का हर डिपार्टमेंट मजबूत दिख रहा है। लेकिन कीवी भी हर तरह से मजबूत दिख रहे हैं। फाइनल के लिए अब टीम इंडिया को अपने सेमीफाइनल वाले कांबिनेशनल के साथ मैदान पर उतरने की जरूरत है या फिर टीम में बदलाव करने की जरूरत है ये एक बड़ा सवाल है।
भारत इस समय प्लेइंग इलेवन में दो स्पिनर कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती साथ ही दो स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल और रविंद्र जडेजा, एक तेज गेदंबाज मोहम्मद शमी और एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर हार्दिक के साथ उतर रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग मैच में साथ ही उसके बाद सेमीफाइनल में भी टीम की प्लेइंग इलेवन में सभी मौजूद थे तो क्या फाइनल में कुछ बदलाव की संभावना दिखती है। वैसे दुबई की कंडीशन को देखें तो इस बात की संभावना कम ही है कि भारत अपनी पिछली प्लेइंग इलेवन में किसी भी तरह का कोई बदलाव करे।
भारत की प्लेइंग इलेवन में दो स्पिनर कुलदीप और वरुण चक्रवर्ती जरूर होंगे। वरुण ने कीवी टीम के खिलाफ 5 विकेट लिए थे और सेमीफाइनल में भी उनकी गेंदबाजी सही रही थी तो वहीं कुलदीप भी विकेट निकालने में माहिर हैं। वहीं अक्षर और जडेजा टीम का हिस्सा जरूर बने रहेंगे। इन सबके होने के बाद भारत तेज गेंदबाज के रुप में शमी और हार्दिक से काम चलाएगा और ये भारत के हित में भी है।