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छेत्री के गोल से वनुआतु को हराकर भारत इंटरकांटिनेंटल कप के फाइनल में

करिश्माई खिलाड़ी और कप्तान सुनील छेत्री के गोल के दम पर भारत ने इंटरकांटिनेंटल कप के अपने दूसरे मुकाबले में सोमवार को यहां वनुआतु को 1-0 से शिकस्त देकर फाइनल का टिकट पक्का किया।
भारतीय टीम पूरे मैच के दौरान हावी रही लेकिन विश्व रैंकिंग में 164 वें स्थान पर काबिज वनुआतु की रक्षापंक्ति ने उसे काफी देर तक बढ़त लेने से रोके रखा।
छेत्री ने मैच के 81वें मिनट में शुभाशीष बोस के द्वारा बायें किनारे से बॉक्स की ओर भेजी गयी गेंद को अपने बायें पैर से गोल पोस्ट में डाल दिया। सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने के मामले में तीसरे स्थान पर काबिज छेत्री ने इस गोल के बाद इशारा किया कि वह जल्द ही पिता बनने वाले है।उन्होंने गेंद को अपनी टी-शर्ट के अंदर डाल कर इस गोल को अपनी गर्भवती पत्नी को समर्पित किया। छेत्री की पत्नी भी स्टेडियम में मौजूद थी जो ताली बजाकर उनका हौसला बढ़ा रही थी।


भारत ने इससे पहले शुक्रवार को अपने शुरुआती मैच में मंगोलिया को 2-0 से हराया था।
भारत दो मैचों में छह अंक के साथ तालिका में शीर्ष पर है। टीम गुरुवार को अपने आखिरी राउंड रोबिन मैच में लेबनान का सामना करेगी।
विश्व रैंकिंग में 101वें स्थान पर काबिज भारत पूरे मैच में हावी रहा। टीम ने शुरुआती हाफ में 62 प्रतिशत समय तक गेंद को अपने नियंत्रण में रखा और गोल करने के 13 प्रयास किये।  दुनिया में 164 वें स्थान पर काबिज वनुआतु की टीम इस दौरान एक बार भी भारतीय गोल पोस्ट पर निशाना नहीं साध सकी।
पदार्पण कर रहे नंदकुमार सेकर ने प्रभावित किया लेकिन उन्होंने गोल करने के कई मौके भी गंवाये। उनके पास 36वें मिनट में महेश नौरेम के बनाये मौके पर भारत को बढ़त दिलाने का सुनहरा मौका था लेकिन उन्होंने गेंद का गोलपोस्ट से दूर मार दी।
नौरेम ने इसके बाद अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ियों के लिए कई मौके बनाये।

मैच के 40वें मिनट में दायें ओर से लगाये उनके क्रास को छेत्री गोल में नहीं बदल सके।दूसरे हाफ में भी नौरेम के एक और प्रयास पर छेत्री का हेडर गोल पोस्ट के ऊपर से निकल गया।
गोल की तलाश में भारतीय कोच इगोर स्टिमक ने पांच मिनट के अंदर चार बदलाव करते हुए अनिरुद्ध थापा, जैक्सन सिंह और सहल अब्दुल समद और लल्लिंजुआला छांगते को मैदान में उतारा।
खिलाड़ियों को बदलने के बाद टीम के आक्रमण को गति मिली लेकिन भारतीय खिलाड़ी वनुआतु के शारीरिक रूप से मजबूत खिलाड़ियों की रक्षापंक्ति को नहीं भेद पा रहे थे।
छेत्री ने मैच के आखिरी 10 मिनट में एक बार करिश्मा करते हुए टीम को जीत दिला दी।

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