आज जब टीम इंडिया दुबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उतरेगी। तो रोहित शर्मा एंड कंपनी के पास इतिहास रचने का शानदार मौका होगा। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल जीतकर भारत 12 साल बाद अपने नाम लगातार दो आईसीसी खिताब कर सकता है। टीम इंडिया ने रोहित शर्मा की कप्तानी में 10 महीने पहले आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। टीम इंडिया के खिलाड़ी इस समय दमदार प्रदर्शन कर रहे हैं। रोहित और विराट अपने चौथे आईसीसी ट्रॉफी जीत की तलाश में हैं।
मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक भारतीय टीम अजेय रही है। टीम ने लीग में लगातार 3 मैच जीते जबकि सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर जीत का चौका लगाया। तो वहीं, भारत के लिए न्यूजीलैंड हमेशा कठिन चुनौती साबित हुआ है। आईसीसी टूर्नामेंटों में न्यूजीलैंड का उसके खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 10-6 का है। न्यूजीलैंड ने आईसीसी नॉकआउट चरण में भारत के खिलाफ चार में से 3 मुकाबले जीते हैं।
इस चैंपियंस ट्रॉफी में आखिरी लीग मैच में टीम इंडिया न्यूजीलैंड को हरा चुकी है। क्रिकेट जगत का एक तबका सारे मैच दुबई में खेलने का अनुचित फायदा उठाने के लिए भारत की लगातार आलोचना कर रहा है। लेकिन अब इस तर्क में दम नहीं लगता क्योंकि न्यूजीलैंड टीम भी यहां खेल चुकी है। भारतीय टीम का आत्मविश्वास इसलिए भी बढा हुआ है। क्योंकि उसकी स्पिन चौकड़ी दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की सपाट पिच पर काफी कामयाब रही है। ऐसा लगता है कि भारतीय टीम चार स्पिनरों और दो तेज गेंदबाजों का संयोजन लेकर ही उतरेगी।
बराबरी की दोनों टीमें:
इस टूर्नामेंट के शुरू होने से पहले क्रिकेट फैंस में भारत-पाकिस्तान मैच, इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया मैच, साउथ अफ्रीका-इंग्लैंड मैच को लेकर हाइप थी। न्यूजीलैंड की टीम हमेशा की तरह किसी आईसीसी टूर्नामेंट में बिना किसी हो-हल्ला के पहुंची थी और उसने फिर वही किया जो वह अर्से से करती आई है। कीवी टीम ने एक बार फिर फाइनल तक का सफर तय किया। पिछली टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन और वनडे वर्ल्ड कप की उपविजेता भारतीय टीम एक बार फिर से आईसीसी टूर्नामेंट में दावेदार के तौर पर उतरी थी।
टीम इंडिया ने चैंपियंस की तरह प्रदर्शन करते हुए खिताबी मुकाबले में जगह बनाई। साल 2011 से आईसीसी के कुल 14 टूर्नामेंट्स आयोजित हुए हैं। इनमें से 12 के नॉकआउट मुकाबलों में भारत ने जगह बनाई है। तीन में उसने खिताब जीते हैं और पांच में उपविजेता रही है। इस मामले में टीम इंडिया टॉप पर है। उधर, न्यूजीलैंड की कॉन्सिस्टेंसी भी कमाल की रही है। उसने इस दौरान आठ बार नॉकआउट्स में जगह बनाते हुए एक खिताब जीता है और तीन बार रनरअप रही है। पिछले 14 वर्षों में आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉकआउट्स में पहुंचने के मामले में भारत और न्यूजीलैंड क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर हैं। संदेश साफ है, चैंपियंस ट्रॉफी का यह फाइनल दो टक्कर की टीमों के बीच है।
स्पिनर्स का रोल होगा अहम
पाकिस्तान और यूएई में हुए टूर्नामेंट के इस एडिशन में चैंपियंस ट्रॉफी के कई रेकॉर्ड टूटे हैं। मगर ये कीर्तिमान पाकिस्तान की पिचों पर बने हैं। दुबई में टूर्नामेंट के पिछले चार मैचों में बल्लेबाजी इतनी भी आसान नहीं रही है। दुबई इटंरनैशनल स्टेडियम में पिछले पांच वनडे में पहली पारी का औसत स्कोर 235 रन है। वहीं, दूसरी इनिंग्स में यह केवल 229 रन है। भारतीय स्पिन चौकड़ी ने टूर्नामेंट के सारे मैच दुबई में ही खेले हैं और यहां काफी किफायती बोलिंग करते हुए 21 विकेट निकाले हैं। उधर, न्यूजीलैंड के स्पिनर्स ने कुल 17 विकेट झटके हैं, लेकिन ग्रुप स्टेज के मैच में भारत के खिलाफ उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। तब उन्होंने 128 रन खर्चते हुए केवल दो विकेट हासिल किए थे। उम्मीद है कि फाइनल में जिस टीम के स्पिनर्स ज्यादा प्रभावी होंगे, उसी का पलड़ा भारी रहेगा।
दोनों संभावित टीम
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमान गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, अक्षर पटेल, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रविंद्र जाडेजा, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती।