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भारत शान से एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में, मलेशिया से होगा खिताबी मुकाबला

भारत ने अपने आक्रामक और रणनीतिक खेल का खूबसूरत नजारा पेश करते हुए शुक्रवार को यहां जापान को 5-0 से करारी शिकस्त देकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) हॉकी प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका सामना शनिवार को मलेशिया से होगा।
मलेशिया ने पहले सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया को 6-2 से पराजित किया। भारत ने राउंड रोबिन लीग चरण में मलेशिया को 5-0 से करारी शिकस्त दी थी और वह फाइनल में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा।
तीन बार के चैंपियन भारत की तरफ से आकाशदीप सिंह (19वें मिनट), कप्तान हरमनप्रीत सिंह (23वें मिनट), मनदीप सिंह (30वें मिनट), सुमित (39वें मिनट) और सेल्वम कार्ति (51वें मिनट) ने गोल किये।
जापान ने लीग चरण में भारत को 1-1 से बराबरी पर रोका था लेकिन शुक्रवार को दूसरे सेमीफाइनल में पहले क्वार्टर को छोड़कर भारतीयों के सामने उसकी एक नहीं चली।

पहले क्वार्टर में भारतीय टीम अपने आक्रामक तेवरों का खुलकर प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन दूसरे क्वार्टर में उसने 12 मिनट के अंदर तीन गोल करके इसकी भरपाई कर दी।
भारत को खेल के दूसरे मिनट में ही जरमनप्रीत सिंह के प्रयासों से पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत के शॉट को जापान के गोलकीपर तकाशी योशिकावा ने पांव से बाहर का रास्ता दिखा दिया। शमशेर सिंह को इसके तुरंत बाद ग्रीन कार्ड मिलने के कारण दो मिनट तक बाहर बैठना पड़ा।
भारत ने दूसरे क्वार्टर के चौथे मिनट में आकाशदीप के गोल से शुरुआती बढ़त हासिल की। हार्दिक सिंह और सुमित ने सर्किल के दाएं तरफ से यह मूव बनाया।हार्दिक का शॉट गोलकीपर ने रोक दिया लेकिन गेंद सीधे आकाशदीप के पास चली गई जिन्होंने उसे गोल में डालने कोई गलती नहीं की।
भारतीय टीम को इसके चार मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे हरमनप्रीत ने बड़ी खूबसूरती से गोल में बदला। मध्यांतर के ठीक पहले भारत ने मनदीप के मैदानी गोल से बढ़त 3-0 कर दी। मनदीप ने मनप्रीत सिंह के शॉट को डिफलेक्ट करके गोल में डाला।
तीसरे क्वार्टर में भारत ने शुरू में ही मौका बनाया था, लेकिन उसे इसका फायदा नहीं मिला।

भारतीय टीम के हमलावर तेवर हालांकि जारी रहे और ऐसे में सुमित ने मैदानी गोल करके जापान के खिलाड़ियों की पेशानी पर बल ला दिये।
मनप्रीत ने इस गोल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सुमित को गेंद थमाई जिनका स्कूप गोलकीपर योशिकावा के ऊपर से गोल पोस्ट के अंदर चला गया। भारत को 43वें मिनट में भी मौका मिला था लेकिन आकाशदीप तब मनदीप के प्रयास का फायदा नहीं उठा पाए।
स्थानीय खिलाड़ी कार्ति ने चौथे क्वार्टर में जब गोल किया तो पूरा स्टेडियम शोर के आगोश में डूब गया। हरमनप्रीत में सर्किल के अंदर सुखजीत सिंह को हवा में दी जिन्होंने उसे कार्ति की तरफ बढ़ा दिया। कार्ति ने बड़ी चतुराई से अपनी दिशा बदली और करारा शॉट जमाकर गेंद को गोल के हवाले किया।

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