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CWG Regional Meet । कुश्ती, तीरंदाजी और कबड्डी को शामिल करने पर भारत ने दिया जोर

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने रविवार को सीजीएफ (राष्ट्रमंडल खेल महासंघ) की एशिया और ओसियाना क्षेत्रीय बैठक में तीरंदाजी, कुश्ती और कबड्डी को राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) की सूची में नियमित खेलों के रूप में शामिल करने के लिए मजबूती से अपनी बात रखी। कबड्डी कभी सीडब्ल्यूजी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं रहा है जबकि निशानेबाजी और तीरंदाजी दो ऐसे खेल है जिसे बर्मिंघम में पिछले खेलों में शामिल नहीं किया गया था। इन दोनों खेलों में भारतीय एथलीटों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था।
 

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आईओए अध्यक्ष पीटी उषा के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सीजीएफ अध्यक्ष डेम लुईस मार्टिन और उनकी टीम से सीजीएफ द्वारा प्रस्तावित की जा रही रणनीतिक योजना के संबंध में भारतीय खेलों के विकास पर चर्चा की। इस प्रतिनिधिमंडल में आईओए के कार्यवाहक सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और संयुक्त सचिव कल्याण चौबे और कार्यकारी परिषद के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह भी शामिल थे। यहां जारी मीडिया विज्ञप्ति में उषा ने कहा, ‘‘मैं 2026 के विक्टोरिया राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी की वापसी पर उठाए गए कदमों का स्वागत करती हूं। इसके साथ ही हमने तीरंदाजी, कुश्ती और कबड्डी को भविष्य में इन खेलों की सूची में शामिल करने के लिए सीजीएफ नेतृत्व से हस्तक्षेप की मांग की है।’’ सीजीएफ और राष्ट्रमंडल खेल ऑस्ट्रेलिया ने पहले विक्टोरिया 2026 खेलों के लिए पूर्ण खेल कार्यक्रम का अनावरण किया था, जिसमें 20 खेल और 26 स्पर्धाएं शामिल है। इसमें नौ पैरा खेल भी शामिल है।
 

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निशानेबाजी को 2022 बर्मिंघम खेलों से विवादास्पद रूप से हटाए जाने के बाद 2026 राष्ट्रमंडल खेलों में इसकी वापसी हुई है। निशानेबाजी में राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने अब तक 135 पदक (63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य) जीते है जो किसी अन्य खेल से ज्यादा है। इस सूची में कुश्ती 114 (49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य) पदकों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसमें भारत ने बर्मिंघम खेलों में सबसे अधिक 12 पदक कुश्ती में जीते।  2010 के बाद से लगातार चार खेलों में शामिल होने के बाद इस खेल को 2026 सत्र से हटा दिया गया है। दूसरी ओर तीरंदाजी को राष्ट्रमंडल खेलों में केवल दो बार (1982 और 2010) शामिल किया गया है। चौबे ने कहा, ‘‘ निशानेबाजी भारत का सबसे मजबूत खेल रहा है और 2026 राष्ट्रमंडल खेलों में इसकी वापसी भारत के लिए एक स्वागत योग्य कदमहै। मुझे यकीन है कि पैरा-निशानेबाजी को शामिल करने से भारत की पदक तालिका में और इजाफा होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमने राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती और तीरंदाजी की वापसी के लिए मजबूती से अपनी बात रखी है।

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