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जडेजा की शानदार गेंदबाजी से भारत बना रहा बीच के ओवरों में दबाव

रविंद्र जडेजा बल्लेबाजी के अनुकूल पिचों पर भी अपनी सटीक गेंदबाजी से प्रभाव छोड़ने में सफल रहते है लेकिन जब थोड़ी भी मदद हो तो वह टीम के सबसे घातक हथियार में से एक बन जाते है।
अपनी कुशल गेंदबाजी और शानदार क्षेत्ररक्षण से यह हरफनमौला उपयोगिता के मामले में निसंदेह भारत का ‘सबसे मूल्यवान खिलाड़ी’ रहा है। वह मौजूदा विश्व कप में बीच के ओवरों में टीम के तुरुप का इक्का बन गए हैं।
 मौजूदा विश्व कप में जडेजा ऐसे खिलाड़ी बन गये है जिनके बिना इस भारतीय टीम की कल्पना करना मुश्किल है।
जडेजा ने मौजूदा विश्व कप में चार मैचों में सात विकेट लिये है लेकिन इस दौरान वह अपनी धारदार गेंदबाजी से रनों पर अंकुश लगा कर बल्लेबाजी टीम पर दबाव बनाने में सफल रहे है।

यह उनकी सटीकता ही है जिसने कुलदीप यादव को दूसरे छोर से अधिक आक्रमण करने का मौका दिया है।
जडेजा ने अब तक चार मैचों में 37.5 ओवर में 131 डॉट गेंदें (21.5 ओवर) फेंकी हैं। डॉट बॉल प्रतिशत आश्चर्यजनक रूप से 58.22 है। इन चार मैचों में उनके खिलाफ सिर्फ 11 बाउंड्री (नौ चौके और दो छक्के) लगे हैं।
जडेजा से जब पूछा गया कि आप इस विश्व कप में क्या अलग कर रहे है तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘‘ अगर आपको अपनी रणनीति बताउंगा। आप अंग्रेजी में छाप देंगे और लोग इसके बारे में जान जायेंगे।’’

भारत के बाएं हाथ के पूर्व  स्पिनर मुरली कार्तिक ने जडेजा की गेंदबाजी में आयी बदलाव के बारे में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जडेजा विश्व कप के दौरान अपनी गेंदबाजी में अच्छा मिश्रण कर रहे हैं। आप पहले के उनके एक्शन को देखें, तो यह राउंड आर्म हुआ करता था, इस वजह से वह बहुत सारे अंडर-कटर फेंकते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जडेजा अब ‘राउंड आर्म’ गेंदबाजी करने से बच रहे है और गेंद को दोनों ओर घुमाने पर ध्यान दे रहे है। उनकी गेंद सिम पर गिर कर अधिक उछाल प्राप्त कर रही है और इससे बल्लेबाज गच्चा खा रहे हैं।

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