लंदन। भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि मौजूदा टीम ने वह निर्भीकता नहीं दिखाई जो आईसीसी खिताब जीतने के लिये चाहिये होती है और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में चार तेज गेंदबाजों को लेकर उतरने का फैसला सही नही था।
पिछले दस साल में एक भी आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी भारतीय टीम की स्थिति आस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में खराब है।
यहां कमेंटेटर की भूमिका में आये हरभजन ने भारतीय खिलाड़ियों को नतीजे की चिंता किये बिना खेलने की सलाह दी।
उन्होंने कहा ,‘‘ कौशल में कोई कमी नहीं है। जितने बड़े मैच खेलेंगे, उतना ही बेहतर होगा।
मुझे लगता है कि ऐसे मैचों में खुलकर खेलने की जरूरत है। हम अधिक रक्षात्मक हो रहे हैं। हमें नतीजे की परवाह किये बिना खुलकर खेलना होगा।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ियों पर जिम्मेदारी डाल दें और वह जरूर अपना काम पूरा करेंगे। उन पर दबाव डाला जाये कि अच्छा नहीं खेलने पर कुछ बाहर हो जायेंगे और कुछ नहीं (उनका आत्मविश्वास कम हो जायेगा)।’’
हरभजन ने कहा ,‘‘ उन्हें आत्मविश्वास देने की जरूरत है कि भले ही अच्छा नहीं खेल सको लेकिन अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो। इसी तरह से कप जीते जाते हैं। बेखौफ खेलो।’’
दुनिया के नंबर एक टेस्ट गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को बाहर रहना पड़ा क्योंकि भारत चार तेज गेंदबाजों और एक स्पिनर को लेकर उतरा है।
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हरभजन ने कहा ,‘‘ मैच पांच दिन का है तो पांच दिन के हालात देखकर गेंदबाजों को चुनना होता है। अश्विन बेहतरीन गेंदबाज हैं और चार तेज गेंदबाजों की जरूरत नहीं थी। चौथा और पांचवां दिन भी पहले दिन की तरह महत्वपूर्ण होता है और यह अहम है कि उन दिनों में आप कैसे खेलते हैं।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ शायद प्रबंधन ने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा और चार स्पिनरों को उतारा। अगर मोहम्मद सिराज या मोहम्मद शमी जैसा कोई बाहर बैठ रहा होता तब भी चार तेज गेंदबाजों को उतारना समझ में आता। अश्विन को उतारना और चार तेज गेंदबाजों की बजाय दो स्पिनरों को लेकर खेलना सही होता।