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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने मेजबान टीम को तीसरे ही दिन छह विकेट से मात दे दी है। इस सीरीज में भारतीय टीम अब 2-0 से आगे हो गई है। इस जीत के हीरो रवींद्र जडेजा रहे जिन्होंने दूसरी पारी में धमाकेदार गेंजबाजी करते हुए सात विकेट चटकाए।
रवींद्र जडेजा की पॉवरफुल गेंदबाजी के आगे कंगारु टीम टिक न सकी और सुबह के सेशन में ही 113 रन बनाकर नौ विकेट गंवा गई। दूसरी पारी के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम से भारत को 115 रनों का टारगेट मिला। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज महज 49 रनों के अंदर ही अपने नौ विकेट गंवा बैठे। रवींद्र जडेजा के अलावा तीन विकेट अश्विन ने लिए। इस पूरे मैच में रवींद्र जडेजा ने कुल 10 विकेट झटके। वहीं ऑस्ट्रेलिया द्वारा मिले इस छोटे से टारगेट को कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने आसानी से हासिल कर लिया। टीम के लिए अपना 100वां टेस्ट खेल रहे चेतेश्वर पुजारा 31 रन पर नाबाद रहे। कप्तान रोहित शर्मा ने भी 20 गेंद की आक्रामक पारी में 31 रन बनाये।
ऐसी रही थी दोनों टीमों की पहली पारी
हरफनमौला अक्षर पटेल की 74 रन की शानदार पारी के साथ रविचंद्रन अश्विन (37) के साथ आठवें विकेट के लिए 114 रन की साझेदारी के दम पर भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन शनिवार को मैच में वापसी की। भारत की पहली पारी 83.3 ओवर में 262 रन पर सिमटी जो ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी से एक रन कम है। नाथन लियोन के पांच विकेट से भारतीय टीम 139 रन तक शीर्ष क्रम के सात विकेट गंवाकर पहली पारी में बड़े अंतर से पिछड़ने के कागार पर थी लेकिन अक्षर और अश्विन ने अगले 29.3 ओवर (117 गेंद) तक ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को सफलता से दूर रख मैच में भारत की वापसी करायी। अक्षर ने 115 गेंद की पारी में नौ चौके और तीन छक्के लगाये जबकि अश्विन ने 71 गेंद की पारी में पांच चौके जड़े। लियोन ने 29 ओवर में 67 दिये और टेस्ट में 22वीं बार पांच या उससे अधिक विकेट चटकाये। लियोन को पदार्पण कर रहे मैथ्यू कुहनेमैन (21.3 ओवर में 72 रन) और दूसरा टेस्ट खेल रहे टॉड मरफी (18 ओवर में 53 रन) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने दो-दो विकेट लिये। दिन का खेल खत्म होने तक हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए एक विकेट पर 61 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। ऑस्ट्रेलिया की कुल बढ़त 62 रन की हो गयी और उसके नौ विकेट बचे हुए है। स्टंप उखडते समय ट्रैविस हेड 40 गेंद में 39 और मार्नुस लाबुशेन 19 गेंद में 16 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे थे जबकि उस्मान ख्वाजा (छह) रविंद्र जडेजा (23 रन पर एक विकेट) की गेंद पर श्रेयस अय्यर को कैच दे बैठे। डेविड वॉर्नर चोटिल होने के कारण मैच से बाहर हो गये है और उनकी जगह ख्वाजा के साथ हेड ने पारी का आगाज किया।
ऐसी रही भारत की पहली पारी
भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज जहां स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे वहीं पहले टेस्ट में 84 रन की पारी खेलने वाले अक्षर और अश्विन की जोड़ी को आक्रामक बल्लेबाजी करने का फायदा मिला। अक्षर ने कुहनेमैन के खिलाफ छक्का जड़कर लगातार दूसरा अर्धशतक जड़ा। उन्होंने लियोन के खिलाफ भी गेंद को दर्शकों के पास भेजा। अपनी पारी के दौरान उन्होंने पैट कमिंस के खिलाफ बैकफुट पंच पर शानदार कवर ड्राइव लगाये। दूसरी ओर अश्विन ने भी रन बनाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा। इस साझेदारी को ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस (41 रन पर एक विकेट) ने नयी गेंद लेने के बाद तोड़ा। शुरुआती सत्र में विकेटों के पतझड़ के बाद विराट कोहली (84 गेंदों में 44 रन) और रविंद्र जडेजा (74 गेंदों पर 26 रन) ने लंच के बाद के सत्र में पांचवें विकेट के लिए 59 रन जोड़कर भारतीय पारी को स्थिरता प्रदान की लेकिन मरफी और बाएं हाथ के स्पिनर कुहनेमैन ने दोनों को जल्दी-जल्दी आउट कर ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
कोहली को लौटना पड़ा पवेलियन
कोहली मैच में शानदार लय में दिख रहे थे और बड़ी पारी खेलने की ओर बढ़ रहे थे लेकिन उन्हे किस्मत का साथ नहीं मिला। अंपायर ने कुहनेमैन की गेंद पर उन्हें पगबाधा करार दिया। भारत के इस पूर्व कप्तान ने मैदानी अंपायर के फैसले के खिलाफ डीआरएस (अंपायर के फैसले की समीक्षा) लिया लेकिन टेलीविजन रीप्ले में इस बात का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला कि गेंद पहले पैड पर लगी या बल्ले से। आखिरकार मैदानी अंपायर का फैसला बरकरार रहा और कोहली को पवेलियन लौटना पड़ा। इससे पहले मरफी ने पिछले कुछ समय से भारत के लिए लगातार अच्छी बल्लेबाजी कर रहे जडेजा को पगबाधा किया। इन दोनों के पवेलियन लौटने के बाद विकेटकीपर कोना भरत (छह) ने बल्ले से एक और बार निराश किया। स्वीप शॉट खेलने के चक्कर में गेंद उनके ग्लव्स में लगी और स्लिप में खड़े स्टीव स्मिथ ने विकेटकीपर के पीछे भाग कर शानदार कैच लपका। इससे पहले दिन के शुरूआती सत्र में लोकेश राहुल (17) की खराब लय जारी रही जबकि चेतेश्वर पुजारा (शून्य) अपने 100वें टेस्ट की पहली पारी यादगार नहीं बना सके। भारतीय शीर्ष क्रम में सिर्फ कप्तान रोहित शर्मा (32) ही अच्छी लय में दिखे। जामथा (नागपुर) की तुलना में कोटला की पिच की गति थोड़ी अधिक थी। ऐसे में लियोन ने ‘फ्लाइटेड’ गेंदों का शानदार इस्तेमाल किया। इससे बल्लेबाजों के मन में संदेह पैदा हुआ और वे बार-बार चकमा खाते दिखे। सलामी बल्लेबाज राहुल ऑस्ट्रेलिया के दो डीआरएस (अंपायर के फैसले की समीक्षा) अपील में बच गए लेकिन इसके बाद लियोन की गेंद पर पगबाधा होकर पवेलियन लौटे। लियोन ने ‘राउंद द विकेट’ से गेंदबाजी की और उनकी गेंद को उम्मीद से ज्यादा टर्न मिली। राहुल की लगातार असफलता के बाद एक बार फिर से शानदार लय में चल रहे शुभमन गिल को अंतिम एकादश में मौका नहीं देने के टीम प्रबंधन के फैसले पर सवाल उठने लगे हैं। पिछले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले रोहित एक बार फिर स्वीप शॉट को प्रभावी तरीके से खेल रहे थे, लेकिन वह लियोन की सीधी गेंद को पढ़ने में चूक कर बोल्ड हो गये। स्टेडियम में लगभग 20,000 दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट ने 100वें टेस्ट में पुजारा का स्वागत किया लेकिन वह पगबाधा हो गये। पुजारा ने लियोन की फ्लाइटेड गेंद को रक्षात्मक तरीके से खेलने की कोशिश की लेकिन गेंद उनके पैड से टकरा गयी। मैदानी अंपायर के नॉट आउट के फैसले के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने डीआरएस लिया और पुजारा को पवेलियन लौटना पड़ा। चोट से वापसी कर रहे श्रेयस अय्यर (चार) क्रीज पर सहज दिखे लेकिन उनकी बैकफुट फ्लिक को शॉटलेग पर खड़े पीटर हैंड्सकॉम्ब ने लपक लिया।