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भारतीय बॉलिंग कोच म्हाम्ब्रे ने कहा कि धैर्य का फल मिला

बांग्लादेश के खिलाफ शुरूआती टेस्ट में शनिवार को पहले सत्र में विकेट नहीं चटकाने से भले ही भारत को निराशा मिली हो लेकिन गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कहा कि उनकी टीम को संयम रखने का फायदा बाकी के दो सत्र में मिला।
बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज जाकिर हसन (100 रन) और नजमुल हुसैन शंटो (67 रन)ने 513 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय गेंदबाजों को पूरे शुरूआती सत्र में निराश कर दिया और पहले विकेट के लिये रिकॉर्ड 124 रन जोड़े।
लेकिन अगले दो सत्र में भारत ने वापसी करते हुए चौथे दिन स्टंप तक बांग्लादेश का स्कोर छह विकेट पर 272 रन कर दिया।

म्हाम्ब्रे ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘‘बल्लेबाजी आसान हो रही थी। लेकिन पहले सत्र में अच्छी गेंदबाजी के कारण हमें अगले दो सत्र में फायदा मिला। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब्र रखने का ही नतीजा था क्योंकि हम जानते थे कि विकेट आसान हो रहा था और इससे हमारे लिये मुश्किल होगी। फोकस सही क्षेत्र में गेंद डालने कर मौके बनाने का था, भले ही थोड़ा ही मौका बने। ’’
म्हाम्ब्रे ने कहा, ‘‘हम जानते थे कि हमने बड़ा लक्ष्य दिया है। तो हमें घबराना नहीं है। ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत शांत था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अगले दो सत्र में छह विकेट झटककर इसकी थोड़ी भरपायी की। हमें अब भी धैर्य बनाये रखना होगा। कुल मिलाकर मैं अपनी टीम की गेंदबाजी से खुश हूं।

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