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भारतीय गेंदबाजी कोच Paras Mhambrey ने कहा, तेज गेंदबाजों के लिए ‘रोटेशन’ महत्वपूर्ण

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में अभी तक स्पिनरों का दबदबा रहा है और ऐसे में भारत का तेज गेंदबाजों की अदला-बदली (रोटेशन) करने पर सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे ने गुरुवार को कहा कि यह फैसला तेज गेंदबाजों को भविष्य में फायदा पहुंचाएगा।
ऑस्ट्रेलिया ने चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पहले दिन उस्मान ख्वाजा के नाबाद शतक की मदद से चार विकेट पर 255 रन बनाए हैं।
पहले दो टेस्ट मैचों में भारत की तरफ से मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज खेलें जबकि तीसरे टेस्ट मैच में शमी की जगह उमेश यादव को लिया गया था।

शमी को उस मैच में विश्राम दिया गया था। चौथे टेस्ट मैच में सिराज की जगह शमी को शामिल किया गया।
महाम्ब्रे से पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद पूछा गया कि क्या विश्राम देने से तेज गेंदबाजों की लय प्रभावित होती है, उन्होंने कहा,‘‘आपको फैसला करना होता है क्योंकि आपको प्रत्येक गेंदबाज का व्यक्तिगत तौर पर कार्यभार भी देखना होता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ जिस तरह से हमने शमी को देखा हमें लगा कि उन्हें विश्राम दिए जाने की जरूरत है। इससे हमें सिराज या उमेश जैसे गेंदबाजों को मौका देने का भी अवसर मिला।’’

महाम्ब्रे ने कहा,‘‘ हमें इस श्रृंखला के बाद होने वाले मैचों पर भी गौर करना होगा। अभी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल है और हमें उस पर भी गौर करने की जरूरत है। ऐसे में आपको कभी-कभी गेंदबाजों को रोटेट करना पड़ता है और यह खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है।’’
महाम्ब्रे ने मोटेरा के विकेट को बल्लेबाजी के लिए अनुकूल करार दिया लेकिन उन्हें उम्मीद है की तीसरे दिन से स्पिनरों को भी इससे मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा,‘‘ यह बल्लेबाजी के लिए अनुकूल विकेट दिख रहा है। हमें कल विकेट देखने के बाद से ही ऐसी उम्मीद थी कि यह विकेट पहले तीन मैचों से भिन्न होगा।’’
इस पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज का मानना है कि गेंदबाजों ने अंतिम 10 ओवरों में अधिक रन दिए।
उन्होंने कहा,‘‘ पहले सत्र में उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की। शुरू में हमने अधिक रन दिए लेकिन गेंद जैसे ही पुरानी होती गई रन बनाना मुश्किल होता गया। दूसरा सत्र हमारे लिए अच्छा रहा।’’

महाम्ब्रे ने कहा,‘‘ हमने अंतिम 10 ओवरों में 56 रन दिए और मुझे लगता है कि यहां खेल कुछ हद तक हमारे अनुकूल नहीं रहा। दिन के आखिर में चार विकेट पर 255 रन हमारे लिए अच्छा माना जा सकता है लेकिन हां अंतिम सत्र में हमने कुछ अधिक रन दिए।’’
भारतीय गेंदबाजी कोच ने ख्वाजा की भी तारीफ की जो दिन के आखिर में 104 रन बनाकर खेल रहे थे।

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