मुंबई । बेंगलुरू एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के 2024-25 सत्र की शुरुआत से पहले इस फुटबॉल लीग को उन सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में से एक बताया जिनमें वह खेले। छेत्री ने स्वीकार किया कि 2014 में उन्होंने यह अनुमान नहीं लगाया था कि आईएसएल इतनी प्रगति करेगा और असंख्य युवा प्रतिभाएं देगा तथा नए क्लबों के आने के साथ यह टूर्नामेंट बड़ा होता जा रहा है।
छेत्री ने कहा, ‘‘यह शानदार रहा है। 10 साल पहले अगर मेरे से पूछा जाता कि आईएसएल कहां पहुंचेगा या भारतीय फुटबॉल में इसका क्या स्थान होगा तो शायद मैं यह अनुमान नहीं लगा पाता कि हम कहां होंगे। यह आठ क्लबों की दो महीने लंबी लीग से लेकर अब पूरे साल चलने वाली लीग तक शानदार तरीके से विकसित हुई है जिसमें कई प्रतिभाएं सामने आई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में से एक बन गई है। मैं एक भारतीय फुटबॉल प्रशंसक हूं इसलिए मुझे उम्मीद है कि भविष्य में यह तेजी से बढ़ेगगी और मुझे उम्मीद है कि आने वाले 10 साल पिछले 10 वर्षों की तुलना में कहीं बेहतर होंगे।’’
आईएसएल 2024-25 सत्र की शुरुआत 13 सितंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में मुंबई सिटी एफसी और मोहन बागान सुपर जाइंट के बीच मुकाबले से होगी। छेत्री की अगुवाई वाली बेंगलुरू एफसी 14 सितंबर को बेंगलुरू के श्री कांतीर्वा स्टेडियम में ईस्ट बंगाल एफसी के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगी।
भारत के लिए 19 साल खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने वाले छेत्री ने उन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को याद किया जिन्होंने उन्हें बेहतर फुटबॉलर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘बाईचुंग (भूटिया) भाई का मेरे जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव रहा है। मेरी पीढ़ी में घरेलू स्तर पर बाईचुंग भाई, आईएम विजयन, रेनेडी सिंह, वे सभी बड़े नाम रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम शुरुआत में ज्यादा टेलीविजन नहीं देख पाते थे लेकिन रोनाल्डो, थिएरी हेनरी, रूड वान निस्टेलरॉय, इनका मेरे लिए बड़ा प्रभाव था।