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पूरे देश के लिए 19 नवंबर की तारीख बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन क्रिकेट के महासंग्राम का अंत होगा। भारतीय टीम इस मैच में ऑस्ट्रेलिया से 23 मार्च 2003 जोहान्सबर्ग में मिली हार का बदला लेने मैदान में उतरेगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप फाइनल का मैच खेला गया था, जिसमें रिकी पोंटिंग के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 140 रनों की शानदार पारी की बदौलत 359 रनों का स्कोर खड़ा किया था।
इस मैच में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिए इस स्कोर का पीछा करना बेहद कठिन था। भारतीय टीम ने जैसे ही टारगेट का पीछा करना शुरू किया सचिन तेंचदुलकर ने पहले ओवर मे ग्लेन मैक्ग्रा को चौका जड़ा। पांचवी गेंद पर ही सचिन पवेलियन लौट गए। इसके बाद वीरेंद्र सहवाग 81 रन, राहु द्रविड़ 47 रन बनाने में सफल हुआ। मगर दोनों के अलावा कोई और खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे टिक नहीं सका। इस मैच में भारतीय टीम 125 रनों से हार गई।
इस हार का बदला अब भारतीय टीम कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में 7547 दिनों के बाद ऑस्ट्रेलिया से लेगी। भारतीय टीम के पास मौका है कि फाइनल में मिली उस हार का बदला ऑस्ट्रेलिया को हराकर पूरा किया जाए। वर्ष 2003 की भारतीय टीम में खिलाड़ी के तौर पर राहुल द्रविड़ भी थे जो वर्तमान में भारतीय टीम के हेड कोच है। उस टी का हिस्सा अजीत अगरकर भी थे, जो वर्तमान में चीफ सेलेक्टर है। अहमदाबाद के फाइनस मुकाबले में दोनों ही दिग्गजों की अहम भूमिका रहेगी।
अहमदाबाद में कभी नहीं हारी भारतीय टीम
बता दें कि भारतीय टीम का अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में रिकॉर्ड बेहद खास है। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में कोई भी वर्ल्ड कप मैच भारतीय टीम अब तक नहीं हारी है। भारतीय टीम ने तीन वर्ल्ड कप मुकाबले इस मैदान पर खेले है, जिनमें सभी में जीत दर्ज की है। भारत का अहमदाबाद में सबसे पहला मुकाबला 26 अक्टूबर 1987 को जिम्बाब्बे के खिलाफ था, जिसमें भारत ने सात विकेट से जीत हासिल की थी। इके बाद इसी मैदान पर भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से मात दी थी। इस विश्व कप के दौरान भी पाकिस्तान को भारत ने 14 अक्टूबर को सात विकेट से हराया था।