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IOC ने आईओए से सीईओ जल्द नियुक्त करने के लिये कहा, कुश्ती के मसले का भी जल्दी निकाले हल

लुसाने। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारतीय ओलंपिक संघ के सीईओ या महासचिव की नियुक्ति में देरी पर चिंता जताई है। इसके साथ ही देश में कुश्ती महासंघ के मसले को यूडब्ल्यूडब्ल्यू से मिलकर जल्दी सुलझाने का अनुरोध भी किया है।
आईओसी ने बुधवार को कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कड़ा बयान जारी किया। इस बैठक में उसे भारत के अलावा अफगानिस्तान, ग्वाटेमाला और सूडान की राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों की स्थिति से अवगत कराया गया।
आईओसी ने बयान में कहा ,‘‘ भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को कई बार नये सीईओ या महासचिव की नियुक्ति के लिये कहा गया ताकि स्थिति सामान्य हो। लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। आईओसी हालात पर नजर रखे हुए है।’’

आईओसी ने आईओए से अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ मिलकर देश के खेल महासंघों को प्रभावित करने वाले मसलों से निपटने के लिये कहा है।
पिछले दो महीने में भारतीय कुश्ती चर्चा में रही है जब ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत शीर्ष भारतीय पहलवान डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईओसी ने कहा ,‘‘ भारत की एनओसी से अनुरोध है कि अंतरराष्ट्रीय महासंघों से मिलकर देश के खेल महासंघों को प्रभावित करने वाले मसलों का अंतरराष्ट्रीय महासंघों के नियमों और निर्देशों के अनुरूप हल निकाले।

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खासकर भारतीय कुश्ती महासंघ से जुड़े मसले का।’’
आईओसी ने इस साल मार्च में कहा था कि आईओए को बिना किसी विलंब के सीईओ की नियुक्ति करनी होगी। इसके साथ ही आईओसी 2023 सत्र मुंबई में कराने का भी ऐलान किया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा बनाये गए नये संविधान के अनुसार आईओए को पी टी उषा की अगुवाई में नये पदाधिकारियों के पद संभालने के एक महीने के भीतर सीईओ की नियुक्ति करनी थी जो महासचिव का काम करेगा। आईओए की नयी परिषद ने दिसंबर में कार्यभार संभाल लिया लेकिन सात महीने में सीईओ की नियुक्ति नहीं की गई।
आईओए महासचिव कल्याण चौबे सीईओ का काम कर रहे हैं। सीईओ आईओए की कार्यकारी परिषद का सदस्य होगा जिसे मताधिकार नहीं होगा।

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