जिनेवा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने सलाह और दिशानिर्देशों की अनदेखी के कारण वर्षों से चले आ रहे विवाद के बाद गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) को ओलंपिक परिवार से बाहर कर दिया। मुक्केबाजी हालांकि 2024 पेरिस खेलों में ओलंपिक खेल के रूप में अपना दर्जा बरकरार रखेगी।
आईओसी ने विशेष रूप से बुलाई गई बैठक में आईबीए की मान्यता रद्द करने के लिए मतदान किया। यह परिणाम तय था क्योंकि दो सप्ताह पहले आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी बोर्ड ने इसकी सिफारिश की थी।
मतदान में प्रस्ताव के पक्ष में 69 जबकि विरोध में एक वोट पड़ा।
वोटिंग से 10 सदस्य अनुपस्थित रहे।
बदलाव लाने के लिए बाध्य करने के प्रयास के तहत चार साल पहले आईओसी के आईबीए को निलंबित करने के बावजूद मुक्केबाजी पर कभी ओलंपिक से बाहर होने का खतरा नहीं था।
बाक ने ऑनलाइन बैठक के दौरान आईओसी सदस्यों से कहा, ‘‘हम मुक्केबाजी के खेल को बहुत महत्व देते हैं। आईबीए के संचालन के तरीके के कारण हमें उनके साथ बेहद गंभीर समस्या है।’’
यह विवाद आईबीए के उज्बेकिस्तान और रूस के अध्यक्षों के तहत प्रबंधन पर केंद्रित था जिन्हें आईओसी ने अस्वीकार कर दिया था।
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इसके अलावा महासंघ के वित्त को रूस की सार्वजनिक ऊर्जा कंपनी गजप्रोम द्वारा समर्थित किया गया था और साथ ही मुकाबलों और जजों की ईमानदारी भी विवाद का कारण थी।
बाक ने कहा, ‘‘मुक्केबाज पूरी तरह से ईमानदार और पारदर्शिता वाले अंतरराष्ट्रीय महासंघ के अंतर्गत खेलने के हकदार हैं।’’
आईओसी पहले से ही आईबीए की भागीदारी के बिना पेरिस ओलंपिक के लिए मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं की देखरेख कर रही है जैसा कि उसने 2021 में तोक्यो खेलों के लिए किया था।