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मन्नत में घंटों मीटिंग के बाद गौतम गंभीर ने की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम में वापसी, जानें पूरी इनसाइड स्टोरी

आईपीएल का सीजन 17वां भले ही खत्म हो गया है। इस सीजन कोलकाता नाइट राइडर्स ने इतिहास रचते हुए तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। दिलचस्प बात ये है कि केकेआर ने पहले दो खिताब गौतम गंभीर की कप्तानी में जीते जबकि तीसरा खिताब भी गौतम गंभीर की मेंटॉरशिप में अपने नाम किया। केकेआर को अपनी कप्तानी में खिताब जिताने के बाद गंभीर ने टीम को छोड़कर दिल्ली कैपिटल्स गए और फिर संन्यास ले लिया। इसके बाद वह लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटॉर बने और फिर दो साल बाद कोलकाता लौ
 आए। 
गंभीर और शाहरुख यकीनन आईपीएल में सबसे लोकप्रिय जोड़ी हैं। हालांकि, वे कई सीजन के लिए अलग-अलग दिशाओं में अपना रास्ता बना रहे थे। 2017 के बाद गंभीर ने केकेआर से नाता तोड़ लिया और दिल्ली कैपिटल्स का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने बेस पर लौट आए। आईपीएल 2022 में गंभीर दो सीजन के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर के रूप में आईपीएल में लौटे। 
हालांकि, यहां से जब केकेआर लौटे तो हर कोई हैरान रह गया। रिपोर्ट्स की मानें तो शाहरुख और गंभीर 2018 और 2022 के बीच कई बार मिले, लेकिन कभी क्रिकेट पर चर्चा नहीं की। पिछले साल तक। लखनऊ सुपर जायंट्स को लगातार प्लेऑफ में ले जाने के बाद गंभीर ने पहली बार फ्रेंचाइजी छोड़ने का विचार किया, तो शाहरुख ने कदम बढ़ाया। उन्होंने गंभीर को अपने घर मन्नत में आमंत्रित किया और दोनों ने घंटों बात की। जाहिर है, यहीं पर शाहरुख ने गंभीर को ब्लैंक चेक दिया और बदले में उन्हें 10 साल के लिए केकेआर परिवार का हिस्सा बनाना चाहा। 
दिलचस्प बात ये है कि लखनऊ सुपर जायंट्स के मालिक संजीव गोयनका को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। जब अखबार में छपी खबर को देखी कि गंभीर लखनऊ को छोड़कर अपने अगले काम पर जाने के बारे में सोच रहे हैं तो गोयनका चौंक गए। इस बीच जो हुआ वह ये था कि तब तक गंभीर को यकीन हो गया था कि वह दो अपेक्षाकृत अच्छे सीजन के बावजूद लखनऊ के साथ अपना भविष्य नहीं देख पा रहे थे। सात ही, रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि शाहरुख का प्रस्ताव इतना आकर्षक था कि गंभीर ने अपना मन बना लिया। 
गौतम गंभीर के सामने अहम फैसला
हालांकि, शाहरुख और गंभीर अब अपनी सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं। गंभीर अब बीसीसीआई की टीम इंडिया के अगले कोच की दौड़ में सबसे ऊपर हैं। कोई भी उम्मीदवार एक साथ दो भूमिकाएं नहीं निभा सकता, जिससे हितों के टकराव की पूरी बाधा सामने आ जाती है। अगर गंभीर भारत की कोचिंग करने का फैसला करते हैं तो उन्हें केकेआर को छोड़ना होगा। 

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