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IndvsBan सीरीज के तीसरे मुकाबले में इतिहास रचने के बाद बोले ईशान किशन, कहा- 300 रन भी बना सकता था

चटगांव। आक्रामक बल्लेबाजी करने वाले इशान किशन एकदिवसीय क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक बनाकर खुश हैं लेकिन उन्हें इस प्रारूप में पहला तिहरा शतक बनाने के सुनहरे अवसर से चूकने पर अफसोस जताया। इस 24 साल के खिलाड़ी ने अपने 10वें एकदिवसीय मैच में बेखौफ बल्लेबाजी करते हुए 131 गेंद की पारी में 24 चौके और 10 छक्के की मदद से 210 रन बनाये। इशान ने 126 गेंद में अपना दोहरा शतक पूरा किया जो इस प्रारूप का सबसे तेज दोहरा शतक है। इससे पहले पुरुष क्रिकेट में यह रिकॉर्ड क्रिस गेल के नाम था। 

उन्होंने 2015 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ 138 गेंद में दोहरा शतक पूरा किया था। वह पारी के 36 वें ओवर में आउट हुए। उनकी इस आक्रामक पारी से भारत ने आठ विकेट पर 409 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इशान ने भारतीय पारी के बाद कहा कि जब मैं आउट हुआ था तब 15 ओवर (14.1 ओवर) बचे हुए थे। मेरे पास 300 रन बनाने का मौका था। झारखंड का यह बाएं हाथ का बल्लेबाज दोहरा शतक बनाने वाला चौथा भारतीय बल्लेबाज है। 

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने तीन बार इस कारनामे को किया है, जबकि सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने एक-एक बार दोहरा शतक लगाया है। इशान ने कहा कि ऐसे दिग्गजों के बीच अपना नाम सुनकर मैं खुश हूं। विकेट बल्लेबाजी के लिए काफी अच्छा था। मेरा इरादा बहुत साफ था अगर गेंद कमजोर होगी तो मैं उस पर प्रहार करूंगा।’ इशान ने यह पारी भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली की क्रीज पर मौजूदी में खेली। इशान ने कहा कि शतक और दोहरे शतक के करीब पहुंचने पर विराट ने उनकी घबराहट को कम करने में मदद की थी। 

उन्होंने कहा कि मैं विराट भाई के साथ बल्लेबाजी कर रहा था, और वह मुझे बता रहे थे कि किन गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाना चाहिये। जब मैं 95 रन पर था तो छक्के के साथ शतक पूरा करना चाहता था लेकिन उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला शतक है इसलिए जोखिम लिये बिना एक-दो रन लेकर इसे पूरा करूं। इशान सूर्यकुमार यादव के काफी करीब है और सूर्यकुमार ने मैच शुरू होने से पहले उन्हें बल्लेबाजी अभ्यास करने की सलाह दी थी। इशान ने कहा, ‘‘मैंने सूर्या भाई से बात की थी। उन्होंने बताया था कि मैच से पहले अगर आप बल्लेबाजी अभ्यास करते हैं तो क्रीज पर उतरने के बाद गेंद का ज्यादा अच्छे से देख पाते हैं। मैं ज्यादा दबाव लिये बिना मौके का फायदा उठाना चाहता था। 

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