पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी और ओलंपियन किदांबी श्रीकांत यकीनन भारत के सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। विश्व रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर पहुंचने के साथ-साथ वह विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय व्यक्ति बन गए हैं। वे 2021 बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के पुरुष एकल के फाइनल में पहुंचने वाले और BWF टूर में सुपर सीरीज प्रीमियर इवेंट में पुरुषों का खिताब जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी भी हैं। किदांबी को 2018 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था और 2015 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
श्रीकांत का प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि
आंध्र प्रदेश के रावुलापलेम में श्रीकांत नम्मालवार किदांबी का जन्म 7 फरवरी 1993 एक तेलुगु परिवार में हुआ था । उनके पिता केवीएस कृष्णा एक जमींदार हैं और उनकी माँ राधा एक गृहिणी हैं। किदांबी श्रीकांत के बड़े भाई के. नंदगोपाल भी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और अपने भाई के साथ जूनियर राष्ट्रीय चैंपियन हैं। वे 2008 तक एक ही घर में रहते थे और फिर श्रीकांत अपनी प्रैक्टिस जारी रखने के लिए गोपीचंद अकादमी चले गए। वह अपने बड़े भाई से प्रेरित होकर 2001 में गुंटूर में बैडमिंटन खेलना शुरू किया। अगले साल वो और उनके भाई दो साल के प्रशिक्षण के लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के स्पोर्ट्स अकादमी में चले गए। जहां कोच ने उन्हें डबल्स के बजाय सिंगल्स खेलने के लिए प्रोत्साहित किया।
किदांबी श्रीकांत का शुरुआती सफर
उन्हें पहली बड़ी उपलब्धि साल 2011 में मिली जब उन्होंने कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में रजत पदक जीता, जिसके बाद उन्होंने ऑल इंडिया जूनियर इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक जीते। उनकी सफलता 2016 में सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप ग्रां प्री गोल्ड खिताब के साथ-साथ पुरुषों की टीम में दो स्वर्ण और 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में पुरुष एकल में जीत के साथ जारी रही। 2016 के रियो ओलंपिक में, किदांबी श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दिग्गज लिन डैन के साथ एक शानदार मैच खेला।
जीते कई बड़े खिताब
अगले साल किदांबी श्रीकांत और बी साई प्रणीत ने बैडमिंटन में किसी रैंकिंग इवेंट के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली भारतीय जोड़ी बनकर और इतिहास रच दिया। भले ही वो फाइनल हार गए, लेकिन किदांबी श्रीकांत ने इंडोनेशिया सुपर सीरीज और ऑस्ट्रेलियाई सुपर सीरीज जीतने के बाद 2017 में इतिहास की किताबों को फिर से लिखना शुरु कर दिया और लगातार तीन सुपर सीरीज फाइनल में आने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने। उन्होंने उस वर्ष डेनमार्क सुपर सीरीज और फ्रेंच सुपर सीरीज भी जीतीं। उस साल किदांबी ने कई कीर्तिमान बनाए।
विश्व नंबर 1 बनकर रचा इतिहास
गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहा, जहां वो मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण और एकल स्पर्धा में रजत पदक पर कब्जा करने के बाद नंबर एक स्थान पर पहुंच गए। लेकिन वहीं से किदांबी की फॉर्म गिरती चली गई। लगातार चोटों के कारण एक पूरी सीरीज में रुकावट, भारतीय खिलाड़ी ने चोट से जूझते हुए खेल में वापसी करने के लिए काफी संघर्ष किया, इन वजहों से वह टोक्यो 2020 ओलंपिक से चूक गए। हालांकि, किदांबी ने 2021 के अंत में बेहतरीन परिणामों के साथ वापसी की।
शानदार फॉर्म के साथ किदांबी श्रीकांत ने 2021 BWF विश्व चैंपियनशिप में एक ऐतिहासिक पुरुष एकल रजत के साथ वर्ष का अंत किया और विश्व रैंकिंग के शीर्ष 10 में वापसी की। इसके बाद किदांबी ने मई 2022 में अपनी पहली थॉमस कप जीत के लिए एक युवा भारतीय टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने अगस्त में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल 2022 के एकल प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। जबकि, मिश्रित टीम स्पर्धा में उन्होंने रजत पदक जीता।