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क्रिकेट खेलने के लिए बढ़ावा देने पर मां ने सुने ताने, अब उसकी बेटी ने दिलाया U19 Women T20 विश्व कप, जानें Archana की कहानी

भारतीय टीम ने रविवार को दक्षिण अफ्रीका में जैसे ही विश्व कप ट्रॉफी को हाथ में उठाया। वैसे ही सबकी नजर ऑफ स्पिनर अर्चना देवी पर टिक गई। इस मुकाबले में अर्चना देवी ने तीन ओवर फेंके और 17 रन दिए। उन्होंने दो अहम विकेट भी हासिल किए, जिससे भारतीय टीम को खिताब हासिल करने में मदद मिली।

इस मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करने वाले अर्चना के लिए ये सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। अर्चना 18 वर्ष की उम्र में बड़ा मुकाम हासिल किया है। मगर अर्चना के लिए ये मुकाम हासिल करना काफी मुश्किल रहा है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से ताल्लुक रखने वाली अर्चना ने कैंसर के कारण महज चार वर्ष की उम्र में ही पिता को खो दिया। इसके बाद भी उनपर दुखों का पहाड़ तब टूटा जब अर्चना के भाई की सांप के काटने से मौत हो गई।

इस दौरान अर्चना और उनकी मां सरिता देवी के लिए अर्चना को क्रिकेटर बनाने का सपना देखना काफी मुश्किल भरा रहा। गांव में पुआल से बने घर में रहने वाली अर्चना और उनकी मां ने अपने सपने को साकार करने के लिए खेतों में मजदूरी की। अर्चना की मां सरिता को क्रिकेट के बारे में अधिक नहीं पता है मगर वो अपनी बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश है।

उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी को मैदान पर देखकर खुश हूं। रविवार को उससे फोन पर बात हुई तो उसने कहा अम्मा हम जीत गए। गांव भर में लड्डू बंट रहे है। बिटिया लौटकर आएगी तो फिर लड्डू बाटेंगे। अर्चना की मां ने कहा कि वो हमेशा कहती थी कि हमको कुछ बनना है। हम हार नहीं मानेंगे।

इन्होंने पहचाना अर्चना का टैलेंट
अर्चना के टैलेंट पर सबसे पहले स्कूल में उनकी टीचर पूनम गुप्ता की नजर पड़ी, जिन्होंने उसे खेलने के लिए प्रेरित किया। पूनम गुप्ता को ही अर्चना में एक उभरती हुई खिलाड़ी नजर आई। वहीं अर्चना की क्षमता और उसकी प्रतिभा को देखकर पूनम गुप्ता ने 2016 में कानपुर में रॉवर्स क्रिकेट क्लब ज्वाइन करवाया। इस क्लब में कपिल पांडे ने अर्चना के खेल को देखकर उसे ट्रेनिंग दी।

कोच कपिल पांडे ने ही अर्चना को पेस की जगह स्पिन करने को कहा। बता दें कि कपिल पांडे भारतीय टीम के तेज गेंदबाज कुलदीप यादव के कोच भी रहे है। अर्चना ने कपिल पांडे के कहने पर ही तेज गेंदबाजी शुरू की। इसके बाद वो ट्रेनिंग के दम पर ऑफ स्पिनर बनी।

कुलदीप यादव ने दिलाई किट
पिता और भाई के साए के बिना सिर्फ मां की गरीबी के साथ अर्चना का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। मगर उनके खेल और प्रतिभा को देखते हुए समय समय पर भगवान उनके लिए रास्ते खोलता गया। अर्चना के लिए पहले उनकी टीचर पूनम और अन्य लोगों की मदद से कानपुर में किराए पर कमरा लिया गया जहां रहते हुए उन्होंने ट्रेनिंग लेना शुरू किया। इसके बाद खुद गेंदबाज कुलदीप यादव ने भी अर्चना को मदद की। कुलदीप यादव ने अर्चना को क्रिकेट किट दिलवाई और ट्रेनिंग में मदद की। कुलदीप ने कई बार अर्चना और कई अन्य खिलाड़ियों को खेल की बारीकियां सिखाई है। 

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