आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर ज्योफ लॉसन ने भारत में टीम के लचर प्रदर्शन के लिये कप्तान पैट कमिंस की स्पिन पिचों के बारे में कम जानकारी और सहायक कोच डेनियल विटोरी की अपर्याप्त सलाह को जिम्मेदार ठहराया।
भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्राफी के पहले दो टेस्ट तीन दिन के अंदर जीत लिये जिसमें रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्पिन गेंदबाजी जोड़ी ने सबसे अहम भूमिका अदा की।
आस्ट्रेलिया ने नागपुर में पहला टेस्ट पारी और 132 रन से गंवा दिया था जबकि नयी दिल्ली में दूसरे मैच में भारत ने छह विकेट से जीत दर्ज की।
1980 के दशक में टेस्ट और वनडे में आस्ट्रेलिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक लॉसन ने कहा कि कमिंस ने शेफील्ड शील्ड क्रिकेट के इतने कम मैच खेले हैं जिससे कप्तान को टर्निंग पिच पर रणनीति बनाने का ज्यादा अनुभव नहीं है।
लॉसन ने ‘सेन रेडियो’ से कहा, ‘‘कमिंस के पास स्पिन लेती पिचों पर कप्तानी का इतना कम अनुभव है क्योंकि आपके कप्तान ने शेफील्ड शील्ड में काफी कम मैच खेले हैं और वह निश्चित रूप से स्पिन लेती विकेटों पर नहीं खेलता। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘तो वह सारी रचनात्मक और अनुकूल होने वाली चीजें कहां से सीखता है, इसके लिये वह काफी वीडियो देखता है और फैसले करता है। ’’
बॉर्डर गावस्कर ट्राफी बरकरार रखने के बाद भारत एक मार्च से इंदौर में शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में जीत हासिल करने की कोशिश करेगा ताकि वह विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में स्थान पक्का कर ले।
लॉसन ने कहा कि आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के पास भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज अक्षर पटेल और अश्विन के बीच साझेदारी को तोड़ने के लिये कोई रणनीति नहीं थी जिसके कारण मेजबानों ने दूसरे टेस्ट में मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर ली।
लॉसन ने न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर और आस्ट्रेलिया मे मौजूदा सहायक कोच विटोरी पर भी सवाल उठाये कि उन्होंने टीम के स्पिनरों को कोई सलाह नहीं दी।
उन्होंने कहा, ‘‘डेनियल विटोरी दुनिया के महान बायें हाथ के गेंदबाजों में शुमार है, उन्हें सलाह देनी चाहिए थी कि आपको कैसे गेंदबाजी करनी चाहिए और इस तरह की गेंदबाजी के खिलाफ हमें कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह यह सब नहीं कर पाया क्योंकि जब मैंने ड्रेसिंग रूम के शॉट देखे तो मैंने सोचा कि इसमें विटोरी ने यहां क्या सलाह दी, वह धीमी गेंदबाजी का महान खिलाड़ी है, तो उन्हें सबसे ज्यादा सलाह देनी चाहिए थी।