महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस और महेश भूपति का मानना है कि भारतीय खिलाड़ियों को युगल की बजाय एकल पर फोकस करना चाहिये।
यह पूछने पर कि क्या भारतीय खिलाड़ियों को युगल पर अधिक ध्यान देना चाहिये, भूपति ने कहा ,‘‘ नहीं। वे ऐसा क्यो करेंगे।’’
उन्होंने कहा ,‘‘रमेश कृष्णन (80 के दशक के मध्य में) के बाद से हमारा कोई खिलाड़ी किसी ग्रैंडस्लैम में एकल क्वार्टर फाइनल तक नहीं गया है। हमें उसी पर फोकस करना चाहिये। युगल में हमने इतने ऊंचे मानक कायम किये हैं कि उस तक पहुंचने में दशक लगेंगे।’’
यूएस पोलो एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पेस ने कहा ,‘‘ आपको हर वर्ग को अलग करके देखना होगा। एकल हो, युगल या मिश्रित युगल , सभी टेनिस है। एकल पर फोकस करना चाहिये क्योंकि सबसे ज्यादा शोहरत उसी में मिलती है।’’
उन्होंने इस साल के विम्बलडन चैम्पियन स्पेन के कार्लोस अल्काराज का उदाहरण दिया जो 20 वर्ष की उम्र में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बन गए हैं।
उन्होंने कहा ,‘‘ एकल के लिये युवाओं को तैयार करना सबसे कठिन है। अल्काराज को देखो जो सिर्फ 20 साल का है और दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी है। हमारे बच्चे 18 या 19 वर्ष की उम्र में भी जूनियर से बाहर नहीं निकल पाते। फिर सोचते हैं कि कॉलेज जायें या आगे पेशेवर टेनिस खेले। यह दुनिया ही अलग है।’’
भूपति ने कहा कि यह मान लेना गलत है कि भारतीय एकल खिलाड़ियों के लिये आगे कठिन समय है।
उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले साल अल्काराज ने एक चैम्पियनशिप जीती और इस साल नंबर एक है। मुझे नहीं लगता कि यह कहना सही होगा कि कोई भारतीय खिलाड़ी एकल में शीर्ष स्तर पर नहीं खेल सकेगा।
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