तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन और मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन यहां आईबीए (विश्व मुक्केबाजी संघ) महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में भारत की चुनौती की अगुवाई करेंगी।
इस प्रतियोगिता का आयोजन 15 से 26 मार्च तक इंदिरा गांधी खेल परिसर में होगा।
बोरगोहेन (75 किग्रा) अब तक विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं और वह घरेलू परिस्थितियों में अन्य देशों के कई ओलंपिक पदक विजेताओं के बीच इसमें सुधार करना चाहेंगी।
निकहत 50 किग्रा वर्ग की मौजूदा चैंपियन है और अपने खिताब का बचाव करने उतरेंगी। निकहत ने इस्तांबुल में 2022 आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीता था।
बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू घंघास 48 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी। दो बार की यह युवा विश्व चैंपियन एक और बड़ा पदक अपने नाम करना चाहेंगी।
भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में भारत मुक्केबाजी का एक ‘पावरहाउस’ बन गया है और हम आईबीए महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए इस प्रतिभाशाली दल के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं। टीम में चैम्पियन खिलाड़ी शामिल है मुझे यकीन है कि वे फिर से देश का गौरव बढ़ाएंगे।’’
दिल्ली में 2018 विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ वैश्विक मंच पर अपने आगमन की घोषणा करने वाली मनीषा मौन अत्यधिक प्रतिस्पर्धी 57 किग्रा ‘फेदरवेट’ वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मनीषा ने 2022 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मिन लैम्बोरिया पिछले सत्र में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। वह 60 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
युवा मुक्केबाज प्रीति और सनामाचा चानू क्रमशः 54 किग्रा और 70 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
मौजूदा एशियाई और राष्ट्रीय चैंपियन स्वीटी बूरा 81 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करेंगी।
युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी (52 किग्रा), शशि चोपड़ा (63 किग्रा) और 2019 दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मंजू बम्बोरिया (66 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में अपनी-अपनी श्रेणियों में खुद को साबित करने के लिए उत्सुक होंगी।
81 किग्रा से अधिक ‘हैवीवेट’ वर्ग में भारत की पदक की उम्मीद मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नूपुर श्योराण पर टिकी होगी।