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Mandhana शतक से चूकी लेकिन भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सूपड़ा साफ किया

बेंगलुरु । गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बाद स्मृति मंधाना की अगुवाई में शानदार बल्लेबाजी से भारतीय महिला टीम ने रविवार को यहां दक्षिण अफ्रीका को छह विकेट से शिकस्त देकर तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में सूपड़ा साफ किया। मंधाना लगातार तीसरे मैच में शतक लगाने से चूक गयी। उन्होंने 83 गेंद में 11 चौके की मदद से 90 रन की पारी खेली। दक्षिण अफ्रीका को आठ विकेट पर 215 रन पर रोकने के बाद भारत ने 40.4 ओवर में चार विकेट पर 220 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की। पिछले दो मैचों में 117 और 136 रन की पारियां खेलने वाली मंधाना ने इस मैच में तीन शानदार साझेदारी कर टीम की जीत में योगदान दिया। 
उन्होंने पहले विकेट के लिए शेफाली वर्मा (25) के साथ 71 गेंद में 61 जबकि दूसरे विकेट के लिए प्रिया पूनिया (28) के साथ 66 गेंद में 62 रन की साझेदारी की। उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर (42) के साथ तीसरे विकेट के लिए 47 गेंद में 48 रन की साझेदारी की। हरमनप्रीत ने 48 गेंद की पारी में दो चौके लगाये। कप्तान लॉरा वोलवार्ट (61) की आक्रामक अर्धशतकीय पारी और शानदार शुरुआत के बावजूद दक्षिण अफ्रीका बड़ा स्कोर खड़ा करने में विफल रहा।  वोलवार्ट ने  57 गेंद की पारी में सात चौकों लगाने के अलावा तैजमिन ब्रिट्स (38) के साथ पहले विकेट के लिए 119 गेंद में 102 रन की साझेदारी की। ब्रिट्स ने 66 गेंद की पारी में दो चौके और एक छक्का जड़ा। 
लक्ष्य का पीछा करते हुए मंधाना और शेफाली ने सतर्क शुरुआत की। शानदार लय में चल रही मंधाना ने छठे ओवर में नेदिन डि क्लर्क के खिलाफ तीन चौके लगाकर अपने हाथ खोले।  अगले ओवर में आयोबोंगा खाका (38 रन पर एक विकेट)  के खिलाफ शेफाली ने चौका जड़ा। यह जोड़ी खतरनाक हो रही थी लेकिन 12वें ओवर में तुमी सेखुकुने(43 रन पर एक विकेट) ने शेफाली को आउट कर टीम को पहली सफलता दिलायी। मंधाना ने 18वें ओवर में नोनदुमिसो शेनगेस के खिलाफ चौका लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। पूनिया ने इस गेंदबाज के खिलाफ चौका लगाने के बाद भारतीय पारी का पहला छक्का जड़ा। वह खाका  की गेंद पर आसान कैच देकर पवेलियन लौटी। पूनिया ने 40 गेंद की पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया। मंधाना कुछ शानदार चौके लगाकर तेजी से लगातार तीसरे शतक की ओर बढ़ रही थी लेकिन नॉनकुलुलेको म्लाबा (55 रन पर एक विकेट) के खिलाफ स्वीप शॉट को फाइन लेग पर खड़ी पर खाका के हाथों में खेल गयी। 
हरमनप्रीत और जेमिमा रोड्रिग्स (नाबाद 19)  जीत की औपचारिकता पूरी करने वाली थी तभी भारतीय कप्तान रन आउट हो गयी। रिचा घोष ने छक्का लगाकर टीम को जीत दिला दी। इससे पहले वोलवार्ट और ब्रिट्स को भारतीय गेंदबाजों के सामने कोई परेशानी नहीं हुई। पिछले मैच में नाबाद 135 रन बनाने वाली दक्षिण अफ्रीका की कप्तान ने अपनी पारी को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाते हुए तेजी से रन बनाये। उन्होंने ब्रिट्स के साथ जोखिम लिये बिना टीम की रन गति को पांच के आस-पास बनाये रखा। वोलवार्ट जहां तेजी से स्कोर को आगे बढ़ा रही थी तो वहीं ब्रिट्स संभल कर खेल रही थी। उन्होंने हालांकि राधा यादव के खिलाफ दक्षिण अफ्रीकी पारी का इकलौता छक्का जड़ा। दक्षिण अफ्रीका ने 18वें ओवर में रनों का सैकड़ा पार किया। अरुंधति रेड्डी (36 रन पर दो विकेट) ने अपनी गेंद पर शानदार कैच लपक कर वोलवॉर्ट की बेहतरीन पारी को खत्म किया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया और दक्षिण अफ्रीका ने 120 रन तक चार विकेट गंवा दिया। 
ब्रिट्स गफलत का शिकार होकर रन आउट हुई तो वहीं अरुंधति ने अपनी गेंद पर एक और बेहतरीन कैच पकड़कर एनेके बॉश (पांच) को पवेलियन की राह दिखायी।    मारिजेन कैप (सात) श्रेयंका पाटिल (35 रन पर एक विकेट) की गेंद पर उन्हीं को आसान कैच दे बैठी जिससे भारतीय टीम ने आठ ओवर के अंदर चौथी सफलता हासिल कर दक्षिण अफ्रीका को बैकफुट पर धकेल दिया। अनुभवी सुने लुस (13) पारी को संवारने की कोशिश कर रही थी लेकिन पूजा वस्त्राकर (54 रन पर एक विकेट) की गेंद ने कम उछाल ली और विकेटों से टकरा गयी।  नोनदुमिसो शेनगेस (16) और  नेदिन डि क्लर्क (26  की 31 रन की साझेदारी को दीप्ति ने रन आउट कर तोड़ा। उन्होंने इसके बाद लगातार गेंदों पर  क्लर्क और नॉनकुलुलेको म्लाबा (शून्य) को आउट कर दक्षिण अफ्रीका को बड़ा स्कोर खड़ा करने से रोक दिया। मेइके डि रिडर की 31 गेंद में 26 रन की नाबाद पारी ने टीम को 200 रन के पार पहुंचाया।

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