क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने के एक दिन बाद भारत के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने खुलासा किया। इस दौरान उन्होंने कहा था कि, रणजी ट्रॉफी की आलोचना करने के चलते उन पर बीसीसीआई ने जुर्माना ठोका था। तिवारी ने बिहार के खिलाफ अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मुकाबला खेला। बीसीसीआई ने उन्हें रणजी ट्रॉफी की आलोचना करने के लिए 20 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया था। तिवारी ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था कि रणजी ट्रॉफी में काफी कुछ गलत हो रहा है, अगले सीजन से इसको कैलेंडर से हटा देना चाहिए। जिसके बाद उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है।
अपने इंस्टाग्राम पर मनोज ने रणजी ट्रॉफी की फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि, अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा देना चाहिए। टूर्नामेंट में कई चीजें गलत हो रही हैं। समृद्ध इतिहास वाले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है। ये अपना आकर्षण और महत्व खोता जा रहा है।
बोर्ड ने हाल ही में केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों से कहा था कि अगर वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए चयन करना चाहते हैं तो उन्हें घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। ये आदेश संभवत: इशान किशन के रणजी ट्ऱॉफी ना खेलने के कारण आया है।
वहीं मनोज के सम्मान में कोलकाता में एक समारोह का आयोजन हुआ। जहां उन्होंने कहा कि, मुझे लगता है कि अगर मैंने इसे एक्स पर पोस्ट नहीं किया होता तो बोर्ड द्वारा जारी निर्देश नहीं दिया गया होता। शायद मेरी पोस्ट ने बोर्ड सचिव को खिलाड़ियों पर दबाव डालने के लिए प्रेरित किया। रणजी ट्रॉफी के अहम चरण में ये कदम उठाकर उन्होंने जो गंभीरता दिखाई है, वह उनकी चिंता को दर्शाती है कि कई खिलाड़ी, विशेष रूप से हाई-प्रोफाइल खिलाड़ी जो सीमित प्रथम श्रेणी क्रिकेट के साथ आईपीएल में सफल हुए हैं वे रणजी ट्रॉफी को पर्याप्त महत्व नहीं दे रहे हैं।