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ग्वालियर । मयंक यादव और नितीश कुमार रेड्डी बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत के लिए पदार्पण करने से पहले थोड़ा नर्वस थे लेकिन उन्होंने कहा कि कप्तान सूर्यकुमार यादव ने लगातार उनका हौसला बढ़ाया जिससे उन्हें शांत बने रहने में मदद मिली। मयंक और नीतीश दोनों 21 साल के हैं और उन्होंने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में अपने कौशल का प्रभाव छोड़ा। तेज गेंदबाज मयंक ने इस साल आईपीएल में अपनी रफ्तार से क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा था लेकिन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह इस टूर्नामेंट में केवल चार मैच ही खेल पाए थे।
उन्होंने अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में चार ओवर में 21 रन देकर एक विकेट लिया। नितीश ने भी 15 गेंदों पर नाबाद 16 रन बनाकर अपना प्रभाव छोड़ा। भारत ने यह मैच सात विकेट से जीता। मयंक ने बीसीसीआई टीवी से कहा,,‘‘वह (सूर्यकुमार) आपको पूरी आजादी देते हैं। जब मैं रन अप पर जा रहा था तो उन्होंने मुझसे कहा कि वही करो जो तुम्हें अच्छा लगता है। यह किसी भी तेज गेंदबाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है विशेषकर तब जबकि आप आप अपना पहला मैच खेल रहे हों।’’
नितीश ने भी सूर्यकुमार की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा,‘‘वह बहुत शांतचित्त कप्तान हैं। वह बहुत अच्छी कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने हम पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनने दिया। हम अपना पहला मैच खेल रहे थे और थोड़ा नर्वस थे लेकिन उन्होंने हमें खुलकर खेलने की छूट दी। कोई भी खिलाड़ी अपने कप्तान से यही चाहता है।’’ मयंक चार महीने तक बाहर रहने के बाद अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने से पहले भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा,‘‘ यह मेरे लिए यादगार पल था। जब मुझे पता चला कि मैं पदार्पण करने जा रहा हूं तो पिछले चार महीनाें का पूरा परिदृश्य मेरी आंखों के सामने आ गया।’’
इस तेज गेंदबाज ने मेडन ओवर के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और अपनी गेंदबाजी में सुधार करने का श्रेय गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल को दिया। मयंक ने कहा, ‘‘मैं ऐसा नहीं सोच रहा था कि मैं पहला ओवर डालूंगा। बस उस पल को जीना चाहता था, उस पल का आनंद लेना चाहता था। मैं पिछले तीन वर्षों से उनके (मोर्कल) साथ हूं। मैं उन्हें जानता हूं और वह मुझे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। इसलिए, मेरे लिए उनके साथ काम करना बहुत आसान है। वह जानते हैं कि मेरे लिए क्या बेहतर है।’’ नीतीश ने कहा कि भारत की तरफ से खेलना सपना सच होने जैसा है। उन्होंने कहा,‘‘किसी भी क्रिकेटर के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण पल होता है। भारत के लिए खेलने सपना सच होने जैसा है। मैंने इसका पूरा आनंद लिया। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए भी बहुत गर्व का क्षण था।