युवा बल्लेबाज मुशीर खान (136) के शतक के अलावा श्रेयस अय्यर (95) और कप्तान अजिंक्य रहाणे (73) के अर्धशतकों से मुंबई ने रणजी ट्रॉफी फाइनल के तीसरे दिन मंगलवार को यहां विदर्भ को 538 रन का विशाल लक्ष्य देकर अपना पलड़ा भारी रखा।
दिन का खेल खत्म होने तक विदर्भ ने बिना विकेट खोए 10 रन बना लिए हैं।
ध्रुव शोरे सात जबकि अथर्व ताइडे तीन रन बनाकर खेल रहे है। टीम को जीत के लिए 528 रन और बनाने हैं।
मुंबई ने 538 रन का लक्ष्य देकर अपना 42वां रणजी खिताब जीतने का दावा मजबूत कर दिया है।
मुंबई के बल्लेबाजों ने दूसरे दिन सतर्क रवैया अपनाया था लेकिन मंगलवार को उसके बल्लेबाज अधिक स्वच्छंद होकर खेले और टीम ने दूसरी पारी में 418 रन बनाए।
मुंबई के पहली पारी के 224 रन के जवाब में विदर्भ की टीम पहली पारी में 105 रन ही बना सकी थी और 119 रन से पिछड़ गई थी।
मुंबई ने दिन की शुरुआत दो विकेट पर 141 रन से की। रहाणे ने 58 रन से आगे खेलते हुए चौका जड़ा लेकिन बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे (144 रन पर पांच विकेट) की गेंद पर विकेटकीपर अक्षय वाडकर को कैच दे बैठे। उन्होंने 143 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्का मारा।
अय्यर ने शुरुआत से ही आक्रामक रवैया अपनाया। उन्होंने तेज गेंदबाज आदित्य ठाकरे पर छक्के से शुरुआत की और 111 गेंद की अपनी पारी में 10 चौके और तीन छक्के मारे। उन्होंने मुशीर के साथ चौथे विकेट के लिए 256 गेंद में 168 रन की साझेदारी भी की।
अय्यर हालांकि शतक से सिर्फ पांच रन से चूक गए जब उन्होंने आदित्य ठाकरे (39 रन पर एक विकेट) की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में लॉग ऑन पर अमन मोखाडे को कैच थमाया।
मुशीर भी अय्यर के साथ साझेदारी के दौरान अच्छी लय में दिखे। इस 18 वर्षीय बल्लेबाज ने सतर्कता के साथ बल्लेबाजी करते हुए आसानी से एक और दो रन जुटाए। उन्होंने खराब गेंद को सबक सिखाने में कोताही भी नही बरती।
इस साल रणजी नॉकआउट मुकाबलों में नाबाद 203 और 55 रन की पारी खेलने वाले मुशीर ने एक बार फिर मुंबई के मध्य क्रम को मजबूती दी और 474 मिनट की पारी में 326 गेंद का सामना करते हुए 10 चौके मारे।
दुबे ने पहली पारी की तरह दूसरी पारी में भी मुशीर को पगबाधा करके उनकी पारी का अंत किया।
मुंबई के निचले क्रम के बल्लेबाज अधिक समय नहीं टिक सके लेकिन शम्स मुलानी ने 85 गेंद में छह चौकों की मदद से नाबाद 50 रन की पारी खेलकर टीम की बढ़त को 500 रन के पार पहुंचाया।