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इस भागदौड़ वाली जिंदगी में खुद को फिट रखना हर किसी के लिए मुश्किल है। हर कोई अपने लिए समय निकाल नहीं पाता है। बदलते समय के साथ हर चीज में परविर्तन हो रहा है। लेकिन अगर इंसान मानसिक और शारीरिक स्वस्थ नहीं तो पैसे कमाने का भी कोई मतलब नहीं है। इन सब से हमारा मतलब खुद को स्वस्थ रखने से है। आज पूरा देश राष्ट्रीय खेल दिवस मना रहा है।
मौजूदा समय में हर कोई अपने बच्चों को खेल के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। वहीं देश के हर घर में नीरज चोपड़ा की चर्चा है जिन्होंने हाल में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल किया है।
हर दूसरे परिजन अपने बच्चों को भी नीरज चोपड़ा की तरह खेल के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी कारण 29 अगस्त के दिन नेशनल स्पोर्ट्स डे मनाया जाता है। बताते हैं कि इस दिन की शुरुआत कैसे और कब हुई थी।
क्यों और कब से मनाया जाता है खेल दिवस?
दरअसल, राष्ट्रीय खेल दिवस देश में 29 अगस्त 2012 से शुरू हुआ था। जब इस तारीख को खिलाड़ियों को समर्पित करने का फैसला किया गया था। 29 अगस्त की तारीख इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म हुआ था।
कौन थे मेजर ध्यानचंद
29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद (जो वर्तमान में प्रयागराज है) में जन्में ध्यानचंद को हॉकी में महारत हासिल थी। यही कारण था कि उन्हें हॉकी का जादूगर और द मैजिशियन के नाम से भी जाना जाता था।
ध्यानचंद खिलाड़ी होने के साथ एक सैनिक भी थे। उन्हें भारतीय हॉकी के सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक माना जाता था। वो आजादी से वह ब्रिटिश आर्मी में थे और हॉकी खेला करते थे।
उनकी मौजूदगी में भारत ने 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक गोल्ड जीता। इसके अलावा ध्यानचंद ने तत्कालीन ब्रिटिश भारतीय सेना के साथ अपने कार्यकाल के दौरान ही हॉकी खेलना शुरु किया था और 1922, 1926 के बीच उन्होंने कई सेना हॉकी टूर्नामेंट और रेजिमेंटल खेलों में हिस्सा लिया।