अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय एथलेटिक्स को पहचाने दिलाने वाले ओलंपिक भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा अब चाहते हैं कि देश आगे बढ़ते हुए अगले दो से तीन साल में वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी करे।
भारत 2029 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की तैयारी कर रहा है लेकिन चोपड़ा ने कहा कि देश इससे पहले छोटे स्तर की अन्य वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सकता है।
‘स्विट्जरलैंड पर्यटन’ द्वारा कराए गए साक्षात्कार में चोपड़ा ने पीटीआई से कहा, ‘‘अगर हम 2029 विश्व एथलेटिक्स की मेजबानी करेंगे अच्छा होगा लेकिन 2029 में अभी काफी समय है। मुझे लगता है कि भारत इससे पहले (विश्व एथलेटिक्स की) कॉन्टिनेंटल टूर प्रतियोगिता जैसी बड़ी वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की वैश्विक प्रतियोगिता (कॉन्टिनेंटल टूर प्रतियोगिता जैसी) से भारतीय प्रशंसकों की एथलेटिक्स में रुचि बनी रहेगी। अगर ट्रैक एंव फील्ड के अंतरराष्ट्रीय एथलीट भारत आएंगे और भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेंगे तो यह देश के एथलीट और प्रशंसकों के लिए अच्छा होगा।’’
कॉन्टिनेंटल टूर ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं की वार्षिक सीरीज है जिसका आयोजन विश्व एथलेटिक्स के तत्वावधान में होता है। यह डायमंड लीग के बाद अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय प्रतियोगिताओं का दूसरा स्तर है।
गत विश्व चैंपियन चोपड़ा ने कहा कि भारत में वैश्विक प्रतियोगिताओं के आयोजन से प्रशंसकों के बीच जागरूकता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि डायमंड लीग जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण या स्ट्रीमिंग भारतीय प्रशंसकों का आसानी से उपलब्ध होना चाहिए विशेषकर उन प्रतियोगिताओं का जहां भारतीय खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा कर रहे हों।
इस साल पेरिस खेलों में ओलंपिक स्वर्ण का बचाव करने की तैयारी कर रहे चोपड़ा ने कहा कि वह मई में प्रतिस्पर्धा शुरू करेंगे। इसका मतलब हुआ कि उनका ओलंपिक पूर्व प्रतियोगिता कार्यक्रम दो महीने या इससे कुछ अधिक होगा। पेरिस खेल 26 जुलाई से शुरू होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अब तक अंतिम योजना नहीं बनाई है। संभवत: हम मार्च में ऐसा करेंगे। लेकिन संभावना है कि मैं मई में प्रतिस्पर्धा शुरू करूंगा।’’
डायमंड लीग का दोहा चरण 10 मई से शुरू होगा।
छब्बीस साल के चोपड़ा पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार अभी स्विट्जरलैंड में छुट्टियां मना रहे हैं जहां वह ज्यूरिख में महान टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर से भी मिले। वह जल्द ही ट्रेनिंग के लिए दक्षिण अफ्रीका लौटेंगे।
चोपड़ा ने फेडरर से मुलाकात के संदर्भ में कहा, ‘‘ज्यूरिख में रोजर फेडरर से मिला सपना साकार होने की तरह था। मैंने हमेशा उनके कौशल, सच्ची खेल भावना और दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करने की उनकी क्षमता की प्रशंसा की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस चीज ने मुझे सबसे अधिक प्रेरित किया वह थी उनकी विनम्रता और उनका सहज आकर्षण जिसने मुझे उनकी उपस्थिति में बहुत सहज महसूस कराया। मैदान पर और बाहर अपने-अपने जुनून और जीवन के अनुभवों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करते हुए हमने बहुत अच्छा समय बिताया।’’
चोपड़ा स्विट्जरलैंड पर्यटन के भारत के ‘मैत्री दूत’ (फ्रेंडशिप एंबेसडर) हैं।
यह पूछने पर कि वह ओलंपिक से पहले अपने खेल के किस पहलू पर काम करना चाहेंगे, चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं अपनी तकनीक और फिर मजबूती पर काम करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही मैच चोट मुक्त रहना चाहता हूं। पिछले कुछ वर्षों में कुछ हल्की चोट लगी हैं जिससे मेरे कार्यक्रम में व्यवधान पड़ा। इसलिए चोट से बचाने के लिए मुझे छोटी-मोटी एक्सरसाइज भी करनी होगी।