कुवैत में एशिया ओलंपिक क्वालीफायर में ट्रैप निशानेबाज मानवजीत सिंह को ‘दोषपूर्ण’ बंदूक के कारणअयोग्य ठहराए जाने को ‘अन्यायपूर्ण’ करार देने वाले भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने अपीली जूरी को बताया है कि यह निशानेबाज किसी तरह का अनुचित लाभ नहीं लेना चाहता था।
शॉटगन कोच विक्रम चोपड़ा ने टूर्नामेंट की अपीली जूरी को पत्र लिखा है जिसकी एक प्रति पीटीआई के पास है।
चोपड़ा ने लिखा है कि पूर्व विश्व चैंपियन मानवजीत ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) के नियमों का उल्लंघन नहीं किया है जैसा कि आयोजकों ने भारतीय खिलाड़ी को अयोग्य घोषित करते हुए कहा था।
मानवजीत को शनिवार को अभ्यास सत्र में भाग नहीं लेने दिया गया था जबकि रविवार को उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनकी बंदूक को दोषपूर्ण करार देकर यह फैसला किया गया था।
जिन दो नियमों के तहत मानवजीत की बंदूक को दोषपूर्ण करार दिया गया था, वे 9.4.2.11 और 9.4.1 (ए,बी) हैं।
चोपड़ा ने मानवजीत के बचाव में जूरी को लिखा, ‘‘नियम 9.4.2.11 में ‘बट रिकॉइल पैड’ पर किसी भी ऊंचाई को लेकर प्रतिबंध का उल्लेख नहीं है।’’
नियम 9.4.1 (ए, बी) अनुचित लाभ से संबंधित है। इसके बारे में चोपड़ा ने लिखा है, ‘‘यह नियम लागू ही नहीं होता है क्योंकि इस मामले में किसी तरह का अनुचित लाभ नहीं लिया गया है क्योंकि निशानेबाज ने किसी तरह से इलेक्ट्रॉनिक या अन्य तरह की सहायता नहीं ली है।