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ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम को सम्मानित किया

 ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस महीने की शुरुआत में पेरिस में ओलंपिक खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कुछ सदस्यों को गुरुवार को यहां सम्मानित किया।
पेरिस ओलंपिक में भारत ने एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता था।

पटनायक की अगुवाई वाली ओडिशा की पिछली सरकार ने भारतीय हॉकी को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। ओडिशा 2018 से राष्ट्रीय पुरुष और महिला टीमों को प्रायोजित कर रहा है। पटनायक ने उम्मीद जताई की भारतीय टीम 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतेगी।
पटनायक ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आप सभी को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। मुझे उम्मीद है कि अगली बार आप स्वर्ण पदक लाएंगे।’’

इस मौके पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की के साथ सुमित, ललित कुमार उपाध्याय, अभिषेक और संजय मौजूद थे।
सुमित ने उस समय हॉकी का समर्थन करने के लिए पटनायक को धन्यवाद दिया जब खेल को इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नवीन पटनायक सर को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं, खासकर हॉकी इंडिया और पूरी टीम की ओर से हॉकी के प्रति उनके अपार समर्थन के लिए। जब भारतीय हॉकी का कोई प्रायोजक नहीं था, तब उन्होंने आगे बढ़कर टीम को इतनी बढ़ी प्रायोजन राशि दी।’’

ललित ने कहा कि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री ने व्यापक पैमाने पर इस खेल का उद्धार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगा कि हॉकी में नवीन पटनायक सर की भूमिका एक नायक की है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने हॉकी के लिए जो कुछ भी किया है वह अकल्पनीय है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब वहां कोई नहीं था तब उन्होंने हॉकी का हाथ थामा। सर ने ओडिशा को भारत की खेल राजधानी बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’

इससे पहले भारतीय टीम का बुधवार को यहां पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया था और ओडिशा सरकार ने उसे सम्मानित किया।
राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने टीम के सदस्यों के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की जिसमें राज्य के स्टार खिलाड़ी अमित रोहिदास को चार करोड़ रुपये दिए गए। भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश को 50 लाख रुपये दिए गए जबकि टीम के अन्य खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपये दिए गए। सहयोगी स्टाफ को 10-10 लाख रुपये दिए गए।

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