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Leander Paes Birthday: एकमात्र टेनिस खिलाड़ी जिसने देश को ओलंपिक में दिलाया पदक, 5 साल की उम्र से शुरू किया था खेलना

भारत में टेनिस की दुनिया का सबसे कामयाब खिलाड़ी लिएंडर पेस किसी पहचान के मोहताज नहीं है। बता दें कि उन्होंने महेश भूपति के साथ मिलकर दुनिया की नंबर वन जोड़ी बनाई। आज यानी की 17 जून को लिएंडर पेस अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। लिएंडर पेस को ग्रैंड स्लैम में भी सफलता मिली है। उनके नाम 18 ग्रैंड स्लैम हैं। साल 1996 में लिएंडर ने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। देश के लिए लिएंडर पेस ने 7 बार ओलंपिक में टेनिस खेला है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर लिएंडर पेस के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म
गोवा में 17 जून 1973 को लिएंडर पेस का जन्म हुआ था। लेकिन लिएंडर की परवरिश कोलकाता में हुई है। उन्होंने महज 5 साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था। जब लिएंडर 8-9 साल के थे, तो उनकी दिलचस्पी फुटबॉल में थे। वहीं जब वह 12 साल के थे तो उनका सेलेक्शन यूरोप के जूनियर सॉकर प्रोग्राम के लिए हो गया था। उस दौरान लिएंडर से कहा गया था कि यूरोप जाओ और किसी क्लब के लिए खेलो। जिसके बाद वह वापस अपने देश लौट आए और यहां आकर वह टेनिस की प्रैक्टिस करने लगे।
ऐसे मिली जीत
साल 1991 में लिएंडर पेस जर्मनी के वूजबर्ग गए थे। उस दौरान वह 18 साल के थे। इसके अगले दिन उनको टूर्नामेंट खेलना था और सर्दी बहुत ज्यादा था। लेकिन स्टोर कीपर ने लिएंडर को रात में प्रैक्टिस की अनुमति दी थी। सारे दरवाजे बंद कर लिए गए थे, बस एक खिड़की खुली छोड़ दी गई थी। जिससे कि किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर खिड़की के जरिए बाहर निकला जा सके। जिसके बाद लिएंडर ने सारी रात प्रैक्टिस करते रहे। इसके बाद जब वह अगले दिन मैच खेलने मैदान में उतरे तो मैच में जीत हासिल है।
ओलंपिक में रच डाला इतिहास
लिएंडर पेस ने साल 1996 में अटलांटा ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। हालांकि सिंगल के सेमीफाइनल में पेस को आंद्रे अगासी से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन ब्राजील के फेरनान्डो एरिएल मेलिगेनी को हराकर पेस ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा कर दिया। बता दें कि लिएंडर की इस जीत से ओलंपिक में भारत ने 44 साल बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में कोई मेडल जीता था। 
ऐसा रहा ग्रैंड स्लैम का प्रदर्शन
साल 1999 में लिएंडर पेस ने विंबलडन और फ्रेंच ओपन में युगल खिताब अपने नाम किया। इसी साल वह दुनिया के नंबर वन युगल खिलाड़ी बने। फिर साल 2001 में पेस ने महेश भूपति के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन में जीत हासिल की। साल 2003 में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन और विंबलडन जीता। इस बार उनकी जोड़ी महेश भूपति के साथ नहीं बल्कि मार्टिना नवरातिलोवा के साथ रही। साल 2006 में पेस ने यूएस ओपन का खिताब अपने नाम किया। फिर साल 2009 में यूएस ओपन पुरुष युगल और फ्रेंच ओपन में जीत का सेहरा पेस के सिर बंधा।
पिता भी थे खिलाड़ी
बता दें कि लिएंडर पेस के पिता वेस पेस भी हॉकी और ओलंपियन खिलाड़ी रह चुके हैं। वेस पेस ने म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। वहीं उनकी मां जेनिफर पेस साल 1980 में एशियन बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम की कैप्टन रह चुकी हैं। 
जानिए क्यों टूटी पेस और भूपति की जोड़ी
लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी को भारत में टेनिस की लोकप्रियता बढ़ाने का श्रेय जाता है। दोनों की जोड़ी ने काफी कमाल मचाया है। भूपति और पेस की जोड़ी ने देश को कई उपलब्धियां दिलवाई हैं। एक समय के बाद टेनिस के इन दोनों खिलाड़ियों की तूती बोलने लगी थी। जहां एक ओर दोनों की लोकप्रियता बढ़ती जा रही थी तो वहीं दूसरी ओर दोनों में टकराव भी बढ़ता जा रहा था। साल 1999 में जहां पेस और भूपति की जोड़ी दुनिया में नंबर वन कहलाई तो वहीं साल 2006 में दोनों की जोड़ी टूट गई। इन दोनों के रिश्ते को लेकर एक सीरीज ‘ब्रेक प्वाइंट’ भी बनी है।
विवाद
साल 2005 से लिएंडर पेस मॉडल रिया पिल्लई के साथ रह रहे थे। दोनों की एक बेटी अनाया भी है। जब इन दोनों का रिश्ता टूटा तो रिया ने दावा किया कि वह शादीशुदा हैं। लेकिन पेस ने हमेशा शादी होने से इंकार किया। जब पेस और रिया की बेटी अनाया को ब्रेन ट्यूमर हो गया तो इलाज के लिए रिया ने पेस से गुजारे भत्ते की मांग की। जिसके बाद यह विवाद कोर्ट तक पहुंच गया था। 

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