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पाकिस्तान से एशिया कप 2023 की मेजबानी को छीना जा सकता है। टूर्नामेंट की मेजबानी को लेकर एक आपातकालीन बैठक हुई है। इस बैठक में बीसीसीआई सचिव जय शाह और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन नजम सेठी के बीच बैठक की गई है।
इस संबंध में एक आपात बैठक का आयोजन बहरीन में आयोजित की गई है। इस बैठक में बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी हिस्सा लिया। जय शाह एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी है। गौरतलब है कि एशिया कप का आयोजन वर्ष 2023 में पाकिस्तान में किया जाना है। मगर अब माना जा रहा है कि इसकी मेजबानी यूएई को सौंपी जा सकती है। बहरीन में हुई बैठक में तय किया गया है कि पाकिस्तान को इसकी मेजबानी सौंपी जाएगी या नहीं इसका फैसला मार्च में किया जाएगा।
यूएई को सौंपी जाएगी मेजबानी
बता दें कि बीते वर्ष एशिया कप का आयोजन यूएई में किया गया था। खाड़ी दशों में हुए इस टूर्नामेंट की मेजबानी एक बार फिर से यूएई को सौंपी जा सकती है। पाकिस्तान में एशिया कप के आयोजन की संभावना काफी कम होती दिख रही है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि पीसीबी के नवनिर्वाचित प्रमुख नजम सेठी, एसीसी प्रमुख जय शाह और अन्य सदस्यों के साथ एक आपात बैठक आयोजित करना चाहते थे। बैठक का मुख्य एजेंडा एशिया कप 2023 की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपना है या नहीं रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के हाथ से मेजबानी छिन कर किसी अन्य देश को सौंपी जा सकती है।
श्रीलंका का भी विकल्प
माना जा रहा है कि अगर यूएई को पाकिस्तान की जगह मेजबानी नहीं सौंपी गई तो इसका अन्य विकल्प श्रीलंका भी हो सकता है। बता दें कि भारत साफ कर चुका है कि एशिया कप के लिए भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी। बीसीसीआई भी इस मामले में अपना पक्ष नहीं बदलने वाला है।
बैठक में हुई सकारात्मक चर्चा
इस संबंध में बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि एसीसी के सदस्यों ने आज मुलाकात की और इसमें काफी सकारात्मक चर्चा हुई। लेकिन स्थल कहीं ओर करने पर फैसला मार्च तक स्थगित कर दिया गया। लेकिन आश्वस्त रहिये कि भारत पाकिस्तान नहीं जा रहा, टूर्नामेंट को ही कहीं ओर कराया जायेगा। विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के बिना टूर्नामेंट से प्रायोजक हट जायेंगे।
एसीसी के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सेठी हाल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) चेयरमैन बने हैं और अगर वह पहली ही बैठक में पीछे हट जाते तो उनके देश में इसका खराब असर पड़ता। पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहा है। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन करना पीसीबी के लिये नुकसान का सौदा साबित होगा, भले ही एसीसी इसके लिये अनुदान दे। इसलिये रणनीतिक तौर पर अगर टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराया जाता है तो पूरी संभावना है कि सभी सदस्य देशों को भी प्रसारण राजस्व से अपना हिस्सा मिलेगा। एक अन्य फैसले में एसीसी ने अफगानिस्तान क्रिकेट संघ को दिया जाने वाला सालाना बजट छह से 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। एसीसी ने आश्वस्त किया कि इससे अफगानिस्तान बोर्ड को हर संभव तरीके से मदद करेगा ताकि देश में महिला क्रिकेट को बहाल किया जा सके। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर पांबदी लगायी हुई है।