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पीसीआई और एनआरएआई के आपसी द्वंद में फंसे पैरा निशानेबाज

देश के 700 से अधिक पैरा निशानेबाज भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के बीच चल रहे आपसी द्वंद में फंस गए हैं और तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस टूर्नामेंट में हिस्सा लें क्योंकि दोनों संस्थाओं ने प्रतियोगिताओं के लिए अलग-अलग सर्कुलर जारी किए हैं।
पीसीआई महासचिव गुरशरण सिंह ने शनिवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि एनआरएआई का अपनी प्रतियोगिताओं में पैरा निशानेबाजों को आमंत्रित करना अनधिकृत है।
देश में पैरा निशानेबाजी का संचालन पीसीआई करता है जो कि अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) से मान्यता प्राप्त है।

दूसरी तरफ एनआरएआई अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) से मान्यता प्राप्त है  जो कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अंतर्गत आता है।पीसीआई तब हैरत में पड़ गया जब एनआरएआई ने सर्कुलर जारी करके पैरा निशानेबाजों को उसके तत्वावधान में आयोजित क्षेत्रीय-जीवी मावलंकर चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इससे दोनों संस्थाओं के बीच चल रहे मतभेद गहरा गए।
पीसीआई ने इसके बाद चौथी क्षेत्रीय पैरा निशानेबाजी चैंपियनशिप की घोषणा की 

जिसके बाद देश के 700 से अधिक पैरा निशानेबाज यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वह किस प्रतियोगिता में भाग लें क्योंकि उन्हें पंजीकरण के लिए मोटी धनराशि खर्च करनी पड़ेगी।
गुरशरण ने पीटीआई से कहा,‘‘ निश्चित तौर पर मेरा अपने निशानेबाजों को यही सुझाव है कि उन्हें पीसीआई द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिए। अगर एनआरएआई पैरा निशानेबाजों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करता है तो यह पूरी तरह से अनधिकृत है। हम जल्द ही इसको लेकर सर्कुलर जारी करेंगे।

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