पाकिस्तान के अंतरिम कोच मुहम्मद सकलैन ने शुक्रवार को देश में हॉकी की खराब स्थिति के लिए राष्ट्रीय महासंघ को दोषी ठहराया और कहा कि देश में इस खेल की स्थिति में सुधार के लिए पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) में ‘लंबे समय ये जमें अक्षम अधिकारियों’ को बाहर निकलना होगा।
भारत की तरह ही पाकिस्तान का हॉकी इतिहास समृद्ध रहा है। उसने तीन स्वर्ण सहित आठ ओलंपिक पदक के अलावा चार विश्व खिताब और आठ एशियाई खेलों का खिताब जीता है।
पाकिस्तान ने 2010 में ग्वांगझू एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के रूप में अपना पिछला बड़ा खिताब जीता था। देश में इसके बाद पाकिस्तान हॉकी के लिए स्थिति बद से बदतर हो गई है। टीम इसके बाद ओलंपिक और विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही है।
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में चीन पर 6-1 की जीत के साथ पांचवें स्थान पर रहने के बाद सकलैन ने कहा, ‘‘ पीएचएफ निश्चित रूप से बेहतर कर सकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान हॉकी के लिए इस तरह से जीवित रहना कठिन होगा। मैं पिछली रात दिलीप टिर्की (हॉकी इंडिया अध्यक्ष) से बात कर रहा था, और जब उन्होंने मुझे इसमें निवेश किए गए धन के बारे में बताया तब मैं गिनती भूल गया। जब आप इतना निवेश करते हैं, तो आपको परिणाम मिलना निश्चित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी टीम ने आठ महीने बाद प्रतिस्पर्धी हॉकी खेली और इस तरह अंतरराष्ट्रीय हॉकी में टिके रहना कठिन है।
हमें पीएचएफ को अक्षम अधिकारियों से छुटकारा पाना होगा।’’ उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों और टीम की आलोचना करने से पाकिस्तान हॉकी का कोई भला नहीं होगा। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने टिर्की के साथ क्या चर्चा की, सकलैन ने कहा कि उन्होंने भारत के पूर्व कप्तान से भारत-पाक द्विपक्षीय हॉकी श्रृंखला को पुनर्जीवित करने का अनुरोध करने के साथ हॉकी इंडिया लीग में पाकिस्तान के खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति देने का भी आग्रह किया।