प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में एशियाई पैरा खेलों में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों के साथ मुलाकात की। इस दौरान अपेन संबोधन में मोदी ने कहा कि आप चीन में खेल रहे थे लेकिन मैं भी आपके साथ था। मैं हर पल आपकी हर गतिविधि, आपके प्रयासों, आत्मविश्वास को यहां बैठकर जी रहा था। आपने जिस तरह देश का मान बढ़ाया है, वह अभुतपूर्व है। उन्होंने कहा कि यहां जो लोग इस खेल के लिए चयनित हुए उनमें से कोई वहां से जीतकर तो कोई सीख कर आया है, आपमें से एक भी हार कर नहीं आया है। खेल में दो ही चीज़ होती है- जीतना और सीखना।
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मोदी ने कहा कि आपलोग तो अच्छी तरह जानते हैं कि खेल हमेशा से अत्यंत प्रतिस्पर्धी होते हैं। आप हर खेल में एक-दूसरे से मुकाबला करते हैं, एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते हैं। लेकिन मैं जानता हूं कि एक मुकाबला आपके भीतर भी चलता रहता है। आपको हर रोज स्वयं से भी जूझना पड़ता है और खुद को बार-बार समझाना भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब सरकार और नीतियां बनाने वाले जमीन से जुड़े होते हैं, जब सरकार खिलाड़ियों के सपने के प्रति संवेदनशील होती है तो इसका सीधा असर सरकार की नीतियों और अप्रोच में भी दिखाई देता है। सरकार की दृष्टिकोण अब एथलीट केंद्रित है। सरकार अब एथलीट के सामने से बाधाएं दूर कर रही है, अवसर बना रही है।
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘खेलो इंडिया’ जैसी योजनाएं खिलाड़ियों के लिए ऐसा प्लेटफॉर्म बनी हैं जिनसे हमारे एथलीट्स को ग्रासरूट लेवल पर खोजने और सपोर्ट करने का रास्ता खुला है। उन्होंने कहा कि समाज में एक नई संस्कृति उभर रही है जहां बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले खेलों से जुड़े लोगों को व्यवस्थित नहीं माना जाता था। हालाँकि, आज समाज खेल को एक पेशे के रूप में स्वीकार कर रहा है। पहले कहा जाता था कि खिलाड़ी सरकार के लिए है। हालाँकि, अब कहा जा रहा है कि पूरी सरकार खिलाड़ियों के लिए है। उन्होंने कहा कि मेरा ट्रैक रिकॉर्ड है, इसलिए मैं कहता हूं कि हम ही हैं जो 10 नंबर की इकोनॉमी से 5 नंबर पर पहुंचे हैं और डंके की चोट पर कहता हूं कि इसी दशक में 3 नंबर पर पहुंचकर रहेंगे। 2047 तक देश विकसित भारत बनकर रहेगा।