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प्रियांशु ने ओरलियंस मास्टर्स के साथ पहला BWF World Tour Super 300 खिताब जीता

भारत के प्रियांशु राजावत ने रविवार को यहां रोमांचक फाइनल में डेनमार्क के मैग्नस योहानसन को तीन गेम में हराकर ओरलियंस मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल का खिताब जीत लिया।
थॉमस कप 2022 का खिताब जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल मध्य प्रदेश के 21 साल के प्रियांशु ने दुनिया के 49वें नंबर के खिलाड़ी योहानसन को 68 मिनट में 21-15 19-21 21-16 से हराकर अपने करियर का सबसे बड़ा खिताब जीता।
विश्व में 58वें नंबर के राजावत ने पीटीआई से कहा,‘‘ मैं इस सप्ताह अपने प्रदर्शन से बेहद खुश हूं। यह मेरा पहला बड़ा खिताब है और मैं इसे जीतकर बहुत खुश हूं।’’

क्वालीफायर से फाइनल तक का सफर तय करने वाले दोनों खिलाड़ियों ने खिताबी मुकाबले में शानदार खेल दिखाया लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने महत्वपूर्ण मौकों पर अंक जुटाकर अपना पहला विश्व टूर सुपर 300 खिताब जीता।
इक्कीस साल के इन दो खिलाड़ियों के बीच यह पहला मुकाबला था लेकिन इस दो लाख 40 हजार डॉलर इनामी टूर्नामेंट के दौरान एक भी गेम नहीं गंवाने वाले प्रियांशु ने परिपक्वता दिखाई और आक्रामक तथा रक्षात्मक खेल के मिश्रण की बदौलत जीत दर्ज की।
प्रियांशु ने क्रॉस कोर्ट स्मैश से कई अंक जुटाए। पिछले साल ओरलियंस मास्टर्स में इस भारतीय खिलाड़ी का सफर जल्दी थम गया था।

पिछले साल यह सुपर 100 टूर्नामेंट था।
प्रियांशु ने फाइनल में सकारात्मक शुरुआत की लेकिन योहानसन ने भारतीय खिलाड़ी को आक्रामक होकर नहीं खेलने दिया। भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि जल्द ही लय हासिल की और दो आक्रामक रिटर्न के साथ 6-5 की बढ़त बनाई जिसे उन्होंने 9-7 तक पहुंचाया।
प्रियांशु ने बैकहैंड स्मैश और फिर विनर के साथ ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बना ली।
भारतीय खिलाड़ी ने बढ़त को बरकरार रखा और दो क्रॉस कोर्ट स्मैश के साथ 18-11 की बढ़त हासिल की और फिर आसानी से पहला गेम जीता।

दूसरे गेम में योहानसन ने अपने डिफेंस को मजबूत किया और अच्छी शुरुआत करते हुए 6-3 की बढ़त बनाई।
प्रियांशु ने कुछ शॉट नेट पर मारे जिससे डेनमार्क का खिलाड़ी ब्रेक तक 11-8 से आगे था।
प्रियांशु ने इसके बाद कई गलतियां की जिसका फायदा उठाकर योहानसन ने स्कोर 14-9 कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने वापसी करते हुए 17-15 की बढ़त बनाई लेकिन योहानसन ने धैर्य बरकरार रखते हुए गेम जीत लिया।
तीसरे और निर्णायक गेम में प्रियांशु ने शानदार शुरुआत करते हुए 5-0 की बढ़त बनाई लेकिन डेनमार्क के खिलाड़ी ने 9-9 के स्कोर पर बरबारी हासिल कर ली।
प्रियांशु ब्रेक तक 11-9 से आगे थे।

भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि इसके बाद योहानसन को अधिक मौके नहीं दिए। भारतीय खिलाड़ी ने सात चैंपियनशिप अंक हासिल किए लेकिन इसके बाद तीन शॉट बाहर मारे लेकिन अगला अंक जीतकर खिताब अपने नाम किया।
राजावत ने कहा,‘‘ दूसरे गेम में मैं थोड़ा थका हुआ था और मैंने गलतियां की। मेरे कोच (एन अनिल कुमार) ने मुझसे कहा कि मैं बहुत अधिक नहीं सोचूं और अपनी शटल को केवल कोर्ट के अंदर रखूं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मैंने 9-14 के स्कोर से वापसी की लेकिन एक छोटी गलती के कारण मैं दूसरा गेम हार गया। तीसरे गेम में मैंने कम गलतियां की। मैं जान गया था कि अगर मैं सरल तरीके से खेलूंगा तो वह मुझे अंक देगा।

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