पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के पूर्व अध्यक्ष रमीज राजा ने राष्ट्रीय टीम में मिकी आर्थर की निदेशक पद पर नियुक्ति को ‘गांव के सर्कस का जोकर’ करार दिया।
इस पूर्व कप्तान ने पूर्व मुख्य कोच की पाकिस्तान क्रिकेट के प्रति वफादारी पर सवाल भी उठाया।
रमीज ने कहा, ‘‘ अपनी तरह के पहले कोच/निर्देशक को पाकिस्तान क्रिकेट को दूर (ऑनलाइन) से चलाने के लिए चुना गया है, जिसकी वफादारी पाकिस्तान क्रिकेट की तुलना में उसकी काउंटी टीम के प्रति अधिक है। यह पागलों के गांव में सर्कस के जोकर की तरह है।’’
बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने पीसीबी के मौजूदा अध्यक्ष नजम सेठी और उनकी क्रिकेट प्रबंधन समिति की भी जमकर आलोचना की।
रमीज ने कहा, ‘‘ पीसीबी अध्यक्ष को क्रिकेट की समझ नहीं है। वह अपने समय में खिलाड़ी के तौर पर शायद क्लब मैच की टीम में भी जगह पाने में सक्षम नहीं होते। पाकिस्तान क्रिकेट को ऐसे लोग चला रहे हैं जो राजनीति से प्रेरित हैं और उन्हें इस काम के लिए 12 लाख रुपये महीने का वेतन भी मिल रहा है।’’
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि रमीज के इस दावे को खारिज कर दिया कि क्रिकेट प्रबंधन समिति के सदस्यों को मासिक वेतन मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से गलत है और सेवा नियमों के अनुसार, प्रबंधन समिति के सदस्यों को बैठक भत्ता और दैनिक भत्ता मिलता है। पीसीबी शहर के बाहर रहने वाले सदस्यों के लिए आवास प्रदान करता है।’’
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते दिसंबर में रमीज की जगह सेठी को बोर्ड अध्यक्ष नियुक्त किया था।
रमीज पहले भी पीसीबी की आलोचना करते रहे है जिस पर सेठी ने कहा है कि वह बोर्ड से मासिक पेंशन ले रहे हैं, इसलिए वह पीसीबी की आचार संहिता के तहत उसकी नीतियों या अधिकारियों की आलोचना नहीं कर सकते।