भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में जारी पहले टेस्ट मुकाबले में स्पिनर रवींद्र जडेजा ने गेंदबाजी में धमाल मचाया है। उनके प्रदर्शन के सामने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिक नहीं सके और पूरी टीम सिर्फ 177 रनों पर ढ़ेर हो गई। मैच की पहली पारी में स्पिनर रवींद्र जडेजा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर कहर बनकर बरसे। मगर इस दमदार प्रदर्शन को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया बर्दाश्त नहीं कर सकी।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने स्पिनर रवींद्र जडेजा पर बेईमानी का एक गंभीर आरोप लगाया है। दरअसल ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने जडेजा पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लगा दिया। इस आरोप के बाद विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने मैच का एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि जडेजा उंगली पर कुछ क्रीज जैसा लगाते दिखे है।
क्लार्क ने दिया बयान
इस मामले में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रवींद्र जडेजा के समर्थन में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गेंदबाजों अधिक देर तर करने पर कई बार उंगली में छाला हो जाता या कट लग जाता है। संभावना है कि जडेजा ने कोई क्रीम लगाई हो। उन्होंने कहा कि जडेजा ने अगर हाथ में कोई क्रीम लगाई थी तो उसकी जानकारी अंपायर को देनी चाहिए थी ताकि मामला इतना ना बढ़ता।
रोहित समेत टीम मैनेजमेंट ने दिया जवाब
रविंद्र जडेजा से जुड़े इस विवाद में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने भी आईसीसी को अपनी सफाई पेश की है। नागपुर टेस्ट के पहले दिन मैच रेफरी ने जडेजा के सामने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को वीडियो पेश किया है। हालांकि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा है कि ये एक महरम है।
ये है आईसीसी के नियम
बता दें कि आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए किसी भी पदार्थ या लार के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है। गेंद की स्थिति को अप्रभावित रखने के लिए आईसीसी के मुताबिक कोई गेंदबाज अपने हाथों पर किसी तरह का पदार्थ नहीं लग सकता है। अगर गेंदबाज हाथ पर कोई पदार्थ लगाता है तो इसके लिए गेंदबाज को अंपायर से अनुमति लेनी होती है।