भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है। आईसीसी वर्ल्ड कप के 13 सीजन के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया के टीम में आमने-सामने है जो किताब के लिए अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रही है। आईसीसी वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने के मामले में ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी आगे है जिसके पास कुल पांच ट्रॉफी है। वहीं भारतीय टीम के पास कल दो बार खिताब जीतने का गौरव हासिल है।
इस वर्ल्ड कप की बात करें तो पांच बार की चैंपियन टीम ने शुरुआती दो मुकाबले में हारने के बाद लगातार सभी मैच जीते और फाइनल में अपनी जगह पक्की करी। दूसरी तरफ घरेलू मैदान पर खेलते हुए भारतीय टीम की कोशिश है की तीसरी बार वर्ल्ड कप खिताब अपनी झोली में डालें। इस वर्ल्ड कप के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत 6 विकेट से मात दे चुकी है। लगातार 10 मैच जीत कर भारतीय टीम के हौसले एकदम आसमान पर हैं। भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने इस पूरे वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में बेहद शानदार और अद्भुत प्रदर्शन किया है। टूर्नामेंट में सबसे अच्छा रोल कप्तान रोहित शर्मा ने निभाया है जिन्होंने हर मैच में शानदार कप्तानी और खेल की बदौलत टीम को जीत दिलवाने में अहम भूमिका निभाई है। फाइनल मैच में भी रोहित से उम्मीद है कि वह जीत दिला कर तीसरी बार भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाएं।
अलग होगा माहौल
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा अपनी विरासत खड़ी करने के लिए तैयार हैं और रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले विश्व कप फाइनल में वह करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की प्रार्थनाओं के बीच अपने 10 साथियों के साथ पांच बार के विश्व चैंपियन के खिलाफ इतिहास रचने उतरेंगे। विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप का खिताब जीतने के अहसास से अच्छी तरह वाकिफ हैं और रोहित शर्मा भी 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। रविवार को होने वाला फाइनल पूरी तरह से अलग होगा।
टीम का ध्यान सिर्फ टूर्नामेंट जीतने पर नहीं होगा बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं का सैलाब भी उमड़ेगा। रोहित और टीम के उनके साथी कहते रहे हैं कि मैदान के बाद क्या बोला जा रहा है इसका उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन बाहर से प्रशंसकों की आवाज ने ही खेल और इस टीम को इतना बड़ा बनाया है। कपिल देव ने 1983 में जब लार्ड्स में विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी तो यह भारतीय क्रिकेट में नए युग की शुरुआत थी। महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में जगह फाइनल में विजयी छक्का जड़ा तो इससे विश्व क्रिकेट में भारत के दबदबे की शुरुआत की। भारतीय क्रिकेट टीम 2023 में अपना तीसरा एकदिवसीय विश्व कप ही नहीं जीतना चाहेगी बल्कि 50 ओवर के प्रारूप को भी बचाना चाहेगी जो पिछले कम से कम पांच साल से अपनी पहचान बचाने के लिए जूझ रहा है।