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रूद्रांक्ष ने कर्णी सिंह रेंज पर समान माहौल में विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण से बेहतर प्रदर्शन किया

भारत के शीर्ष दस मीटर एयर राइफल निशानेबाज रूद्रांक्ष पाटिल अगर आईएसएसएफ विश्व चैम्पियनशिप में जाते तो स्वर्ण पदक जीत सकते थे क्योंकि कर्णी सिंह रेंज पर समान माहौल में उन्होंने बाकू में चल रहे टूर्नामेंट के चैम्पियन से बेहतर प्रदर्शन किया।
रूद्रांक्ष को बाकू गए 53 सदस्यीय दल में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वह पिछले साल ही पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुके हैं।
उन्हें हालांकि हांगझोउ एशियाई खेलों और ओलंपिक की तैयारी के लिये कर्णी सिंह रेंज पर बाकू के समान प्रतिस्पर्धी माहौल दिया गया। उन्होंने समान समय पर प्रतिस्पर्धा में बाकू में स्वर्ण पदक जीतने वाले से बेहतर स्कोर किया।
भारत ने बाकू में छह स्वर्ण और आठ कांस्य पदक जीते हैं और फिलहाल चीन के बाद दूसरे स्थान पर हैं।

एक सितंबर को खत्म होने वाली चैम्पियनशिप में भारतीयों के मुकाबले समाप्त हो चुके हैं।
भारतीय खेल प्राधिकरण और भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ ने रूद्रांक्ष को पुणे से दिल्ली बुलाया और बाकू में प्रतिस्पर्धा के समय पर ही उनसे भी यहां कर्णी सिंह रेंज पर निशाना लगवाया गया।
उन्होंने क्वालीफिकेशन दौर में 630 स्कोर करके बाकू में एयर राइफल स्पर्धा में फाइनल में जगह बनाने वाले आठ निशानेबाजों में छठा स्थान हासिल किया।
रूद्रांक्ष ने पीटीआई से कहा ,‘‘ यह अच्छी बात है कि मुझे रीयलटाइम शूटिंग के लिये दिल्ली बुलाया गया। इस तरह की प्रतिस्पर्धा निशानेबाज के लिये बहुत महत्वपूर्ण है और मैं भारतीय खेल प्राधिकरण और राइफल महासंघ को धन्यवाद देता हूं।’

रूद्रांक्ष को आईएसएसएफ विश्व चैम्पियनशिप के लिये भारतीय दल में शामिल नहीं किया गया था क्योंकि वह कोटा हासिल कर चुके थे। एनआरएआई की नीति के तहत अगर किसी निशानेबाज को कोटा मिल गया है और दूसरे को कोटा हासिल करने का मौका देने के लिये उसे टीम में शामिल नहीं किया जाता है।
विश्व चैम्पियनशिप जैसी ओलंपिक क्वालीफाइंग स्पर्धाओं से हर वर्ग में दो कोटे हासिल किये जा सकते हैं।
बाकू में दस मीटर एयर राइफल में भारत के दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और हदय हजारिका फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके।

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