भारत में इस साल हुए वनडे विश्व कप के लिये सैमसन टीम में जगह नहीं बना सके थे क्योंकि चयनकर्ताओं ने ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव को तरजीह दी।
संजू ने तीसरे वनडे में 78 रन से मिली जीत के बाद कहा ,‘‘ पिछले तीन चार महीने मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण थे। उन सबसे गुजरकर यहां आकर शतक जमाना काफी बड़ी बात है। मैं बहुत खुश हूं।’’
सैमसन को एशियाई खेलों के लिये भी टीम में नहीं चुना गया था।
सैमसन ने कहा ,‘‘ खेल मेरे खून में है। मेरे पिता भी खिलाड़ी रहे हैं लिहाजा हर झटके के बाद वापसी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। खुद पर मेहनत करते रहो और मजबूती से वापसी का प्रयास करो।’’
अपनी 108 रन की पारी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ मैं स्कोर कार्ड देख ही नहीं रहा था। मैं सिर्फ गेंद को देखकर उसके हिसाब से खेल रहा था। मेरा ध्यान प्रक्रिया और गेंद दर गेंद फोकस करने पर था। तिलक वर्मा के आने के बाद पहले चार पांच ओवर कठिन रहे लेकिन उसके बाद हमने सहज होकर खेला।