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सात्विक ने कहा, हम रोबोट की तरह नहीं खेल रहे हैं, हम करो या मरो के दृष्टिकोण के साथ जा रहे हैं

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी मौजूदा सत्र में चिराग शेट्टी के साथ शानदार प्रदर्शन करने के पीछे का मुख्य कारण लक्ष्य के बारे में स्पष्टता, बार-बार मानसिकता पर काम करना और खेल से ब्रेक को मानते हैं।
सात्विक और चिराग ने रविवार को फ्रेंच ओपन सुपर 750 खिताब जीता और यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय जोड़ी बन गई।
आंध्र प्रदेश के अमलापुरम के 22 वर्षीय खिलाड़ी सात्विक का कहना है कि सोच-विचार के साथ तैयार की गई योजना और विशिष्ट लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए करो या मरो के दृष्टिकोण को अपनाने से उन्हें खेल का आनंद लेने और सफलता हासिल करने में मदद मिली।

सात्विक ने पीटीआई से कहा, ‘‘2019 में मैं हर टूर्नामेंट खेल रहा था, कोई ब्रेक नहीं था। मैं पुरुष और मिश्रित युगल दोनों खेल रहा था। ऐसा लगता था कि हमेशा एक और टूर्नामेंट होना है इसलिए अगर हम हार जाते हैं तो भी कोई समस्या नहीं है। लेकिन अब यह करो या मरो का सवाल है। हम जो भी टूर्नामेंट खेल रहे हैं उसे जीतना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम हर टूर्नामेंट को लक्ष्य नहीं बना रहे, यह कुछ ऐसा है जो बदल गया है। हम रोबोट की तरह नहीं खेल रहे हैं, हमारे पास एक उचित योजना है। हम जानते हैं कि हमें इस मुकाम को हासिल करना है और अगर हम अपना लक्ष्य हासिल कर रहे हैं तो फिर उस साल के लिए हमारा काम पूरा हो गया।’’
इस स्टार खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हम अभ्यास में 100 प्रतिशत से अधिक जोर लगा रहे हैं। हम मानसिक रूप से टूर्नामेंट पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह इस तरह है कि टूर्नामेंट के लिए जाओ, पोडियम पर जगह बनाओ, घर लौटो, ब्रेक लो और फिर नए लक्ष्य निर्धारित करो। हम इसे अच्छी आदत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सात्विक और चिराग ने 2022 में दो विश्व टूर खिताब- इंडिया ओपन सुपर 500 और फ्रेंच ओपन सुपर 750 जीतने के अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक भी जीता।इसके अलावा यह जोड़ी थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रही और विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीतने में सफल रही।
फ्रेंच ओपन खिताब ने बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की इस जोड़ी की संभावनाओं को फिर जीवंत कर दिया है। यह जोड़ी एचएसबीसी रेस टू ग्वांग्झू रैंकिंग में चार स्थान की छलांग लगाकर 12वें स्थान पर पहुंच गई है।

हालांकि सत्र के अंत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए केवल शीर्ष आठ जोड़ियां क्वालीफाई करेंगी।
भारतीय जोड़ी ने अधिकांश शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक तथा इंडोनेशिया के फर्नाल्डी गिडियोन और केविन संजय सुकामुल्जो के खिलाफ उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
सात्विक ने कहा, ‘‘यह मानसिकता से जुड़ा है। हम उनके खिलाफ अपने खेल का आनंद नहीं ले रहे हैं। विश्व चैंपियनशिप में हमने अपना 80 प्रतिशत खेल दिखाया इसलिए मुकाबला करीबी रहा। वे हमें खतरे के रूप में नहीं ले रहे हैं और हमें इस मानसिकता को तोड़ना होगा। एक बार जब हम ऐसा कर लेते हैं तो इससे चीजें बदल जाएंगी।

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