कोलकाता। तीरंदाजी चैंपियनशिप के कंपाउंड वर्ग के महिला और पुरुष वर्ग के स्वर्ण पदक विजेता अदिति स्वामी और ओजस देवताले के कोच महाराष्ट्र के सतारा के पुलिस कांस्टेबल प्रवीण सावंत को अब उम्मीद है कि एक एकड़ गन्ने के खेत में बनी उनकी तीरंदाजी प्रशिक्षण अकादमी को अब उचित मान्यता मिलेगी।
अदिति और देवताले दोनों ने विश्व चैंपियन बनने से पहले सतारा के वाधे फाटा क्षेत्र में दृष्टि अकादमी में सावंत की देखरेख में प्रशिक्षण लिया था।
सावंत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ अदिति 10 साल की उम्र में मेरे पास आयी थी। उस समय वह वास्तव में प्रभावशाली नहीं थी लेकिन उसकी जिद ने मुझे प्रभावित किया और मैंने उसे प्रशिक्षण देना शुरू किया। वह वास्तव में मेहनती थी, किसी प्रतियोगिता के बाद कोई ब्रेक नहीं लेती थी और यहां घंटों प्रशिक्षण लेती थी। मैं जानता था कि वह उभरती हुई चैंपियन है।’’
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नागपुर के देवताले 2022 में अपने खेल में सुधार के लिए सावंत की अकादमी से जुड़े।
सावंत ने कहा, ‘‘उनकी तीरंदाजी अपरंपरागत लेकिन प्रभावशाली थी। मुझे बस उसे प्रेरित करना था और उसे मानसिक रूप से तैयार करना था। उसने बाकी काम खुद किया।’’
सावंत ने बताया कि उन्होंने पत्नी और मां के गहनों पर कर्ज लेकर इस अकादमी को शुरू किया और वे गहने आज भी बैंक के पास हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे यकीन है कि लोग उनकी (अदिति और देवताले की) सफलता के बाद अब तीरंदाजी अकादमी पर ध्यान देंगे।’’
उन्होंने उम्मीद जताई की सरकारी मदद की उनकी लंबे समय से की जा रही मांग को अब पूरा किया जायेगा और इस अकादमी को एक केंद्र का दर्जा दिया जाएगा।