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‘किसी खिलाड़ी को अच्छा ना लगे, तब भी बड़े निर्णय लेने से नहीं हिचकते’, टीम सिलेक्शन पर शिखर धवन का बयान

भारतीय क्रिकेट में गब्बर के नाम से मशहूर शिखर धवन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह अपने कप्तान के रूप में परिपक्व हो गए हैं और कड़े फैसले ले सकते हैं। एक बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एक कप्तान के रूप में वह ऐसे निर्णय लेने से बिल्कुल भी नहीं हिचकते जो भले ही किसी खिलाड़ी को बुरा लगे, लेकिन उससे टीम को फायदा हो सकता है। दरअसल, पिछले काफी अर्से से वह टी-20 और टेस्ट क्रिकेट में दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन वनडे में उन्हें टीम में शामिल किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें कप्तानी भी सौंपी जाती है। एक बार फिर से भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम एकदिवसीय मुकाबलों में उतरने जा रहे हैं। टीम का नेतृत्व शिखर धवन के हाथों में है। इससे पहले भी शिखर धवन टीम का नेतृत्व कर चुके हैं। श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज में उनके कप्तानी में टीम को जीत मिली है। 

टीम चयन पर बात करते हुए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आप जितना अधिक खेलते हैं, आप अपने फैसले उतना ही अधिक आश्वस्त रह कर ले सकते हैं। ऐसे कई मौके आए हैं जब मैंने किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे अतिरिक्त ओवर दे देता था। लेकिन अब मैं परिपक्व हो गया हूं और चाहे किसी को बुरा लगे तब भी मैं वही फैसला लेता हूं जिससे टीम को फायदा मिले। उन्होंने कहा कि जीत के लिए टीम में संतुलन बनाए रखना और खिलाडियों का भरोसा जीतना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह बमुश्किल ही दबाव महसूस करते हैं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा रखते हैं। धवन ने कहा कि जब आप किसी तार वाले वाद्य यंत्र पर संगीत बजाते हैं तो यदि तार बहुत ढीला है तो उसका स्वर अच्छा नहीं आएगा या यदि तार बहुत कसा गया है तो वह टूट जाएगा। इसलिए यह संतुलन पैदा करने से जुड़ा हुआ है। कप्तान के रूप में संतुलन पैदा करना महत्वपूर्ण होता है।
 

टीम के सिनियर खिलाड़ी ने कहा कि आपको यह पता होना चाहिए कि कब तार को कसना है और कब उसे थोड़ा ढीला छोड़ना है। यह समय पर निर्भर करता है। इस स्तर पर मैं यह भी समझ गया हूं कब खिलाड़ियों से कैसी बात करनी है और कितनी बात करनी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी गेंदबाज की गेंद पर शॉट लगता है तो यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि उससे कब बात करनी है। जब माहौल में गर्मी हो तो मैं तब उससे बात नहीं करूंगा। इसके बजाय मैं उससे बाद में सहजता से बात करूंगा। धवन ने कहा,‘‘ यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर कप्तानी कर रहे हैं। यदि यह आईपीएल है तो अधिकतर खिलाड़ी परिपक्व होते हैं, इसलिए आपको यह सोचना पड़ेगा तार कसना है या नहीं। रणजी ट्रॉफी में कुछ अवसरों पर आपको दृढ़ता दिखानी होती है क्योंकि उस स्तर पर कुछ खिलाड़ी कच्चे घड़े की तरह होते हैं और आपको उन्हें ढालने के लिए दृढ़ बनना पड़ता है। संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।’’ इस 36 वर्षीय खिलाड़ी को हाल में इंडियन प्रीमियर लीग की टीम पंजाब किंग्स का कप्तान नियुक्त किया गया था।

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