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अपने जिगर के टुकड़े से तीन वर्षों से दूर है भारतीय क्रिकेट टीम का गब्बर, अब जल्द मिलेगी राहत

भारतीय टीम के ओपनर और धाकड़ बल्लेबाज शिखर धवन हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ मैदान पर उतरते हैं और अपने फैंस के बीच चर्चा में रहते है। इन दिनों शिखर धवन एक बार फिर से चर्चा में है। मगर ना ही वो कोई क्रिकेट टूर्नामेंट खेल रहे हैं और ना ही भारतीय टीम का वर्तमान में हिस्सा है। इस बार शिखर धवन अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में आ गए है। बीते कई वर्षों से शिखर धवन ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, जो कोई पिता कभी नहीं चाहेगा।

दरअसल ये सभी को मालूम है कि शिखर धवन और उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है। दोनों ही लंबे अर्से से एक दूसरे से दूर रह रहे है। आयशा जहां ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं और शिखर भारत में। वहीं दोनों का बेटा जोरावर भी अपनी मां के साथ ऑस्ट्रेलिया में ही रहते है। शिखर धवन और आयशा दोनों 2020 से अलग रह रहे हैं जबकि दोनों ने 2021 में तलाक का केस फाइल किया था। वहीं बता दें कि शिखर धवन की अपने बेटे जोरावर से वर्ष अगस्त 2020 के बाद से मुलाकात नहीं हुई है।

इस मामले पर दिल्ली की एक फैमली कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है, जिसके तहत फैमिली फंक्शंस में शिखर धवन के बेटे जोरावर को भारत लाया जाएगा और वो भी इस फंक्शन का हिस्सा बनेंगे। इस मामले में जस्टिस हरीश कुमार ने हैरानी जताते हुए जोरावर को भारत लाए जाने पर आपत्ति जताने के मामले पर नाखुशी भी जाहिर की। बता दें कि आयशा मुखर्जी ने जोरावर को भारत लाए जाने पर घोर आपत्ति जताई थी, जिसे लेकर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है।

जानकारी के मुताबिक 17 जून को शिखर धवन के घर पर फंक्शन है। इस फंक्शन के लिए जोरावर को शामिल करने पर आयशा ने कहा था कि उस समय जोरावर के स्कूल होंगे और वो फंक्शन का हिस्सा नहीं बन सकेगा। हालांकि जोरावर को लेकर फंक्शन की तारीख बदली गई और अब कार्यक्रम एक जुलाई को किया जाएगा। आयशा ने कहा कि जोरावर शिखर के परिवार वालों के साथ सहज महसूस नहीं करेगा। वहीं इस मामले पर आयशा की हर दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने साफ किया है कि शिखर ने ना ही अपने बच्चे की कस्टडी मांगी है और ना ही उसे स्थायी तौर पर भारत लाने के लिए कहा है। शिखर सिर्फ कुछ समय के लिए अपने बेटे के साथ रहना चाहते है जिसे जोरावर की मां को पूरा करना होगा। कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि एक बच्चे पर अकेले मां का हक नहीं होता है।

बता दें कि कोर्ट ने आयशा को कहा है कि वो 28 जून को अपने बेटे को शिखर धवन को सौपेंगी जिसके बाद एक सप्ताह तक वो अपने पिता और उनके परिवार के साथ रहेगा। कोर्ट ने ये भी कहा है कि जोरावर को ऑस्ट्रेलिया से लाने और वापस ले जाने का पूरा खर्चा भी शिखर धवन को ही वहन करना होगा। 

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