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FIFA Women World Cup 2023 में स्पेन ने रचा इतिहास, इंग्लैंड को 1-0 से हराकर पहली बार जीता खिताब

सिडनी। ओल्गा कारमोना के पहले हाफ में दागे गोल की बदौलत स्पेन रविवार को यहां इंग्लैंड को 1-0 से हराकर पहली बार फीफा महिला विश्व कप खिताब जीतने में सफल रहा।
स्पेन ने खिलाड़ियों की बगावत के एक साल से भी कम समय में यह खिताब जीता।
स्पेन के पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय खिताब ने उसे 2007 में जर्मनी के बाद महिला फुटबॉल विश्व कप जीतने वाली पहली यूरोपीय टीम भी बना दिया।

कारमोना ने मैच के 29वें मिनट में बाएं पैर से दनदनाता हुआ शॉट लगाया जिसे इंग्लैंड की गोलकीपर मैरी अर्प्स गोता लगाने के बावजूद गोल में जाने से रोकने में नाकाम रहीं।
जश्न मनाते हुए कारमोना ने अपनी जर्सी उठा ली जिसके नीचे उनकी शर्ट पर ‘मेर्ची’ लिखा था जो उनके पूर्व स्कूल का नाम है।
कारमोना ने स्वीडन के खिलाफ सेमीफाइनल में स्पेन की 2-1 की जीत के दौरान भी 89वें मिनट में विजयी गोल दागा था।

कारमोना इसके साथ ही 2015 में कार्ली लॉयड के बाद सेमीफाइनल और फाइनल में गोल करने वाली पहली खिलाड़ी बनीं।
स्पेन के पास 68वें मिनट में बढ़त दोगुनी करने का मौका था लेकिन जेनी हर्मोसो की पेनल्टी किक को मैरी ने बाईं ओर गोता लगाते हुए रोक दिया।
इंग्लैंड ने पिछले साल यूरो क्वार्टर फाइनल में स्पेन के खिलाफ पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जॉर्जिया स्टेनवे के अतिरिक्त समय में दागे गोल की बदौलत 2-1 से जीत दर्ज की थी।
स्पेन की यह जीत इसलिए भी काबिलेतारीफ है क्योंकि पिछले साल उसकी खिलाड़ियों ने बगावत कर दी थी। टीम की 15 खिलाड़ियों ने कहा था कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए राष्ट्रीय टीम से दूर हो रही हैं। उन्होंने साथ ही अधिक पेशेवर माहौल की वकालत की थी।

इनमें से तीन खिलाड़ी ओना बेटले, ऐटाना बोनमैट और मारियोना केलडेंटे ने बाद में राष्ट्रीय महासंघ के साथ समझौत कर लिया और वे विश्व कप के लिए टीम का हिस्सा थीं।
पिछले साल यूएफा यूरोपीय चैंपियनशिप जीतने के बाद इंग्लैंड की टीम खिताब की प्रबल दावेदारों में शामिल थी। लेकिन उसकी तीन सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कप्तान लिया विलियमसन, फ्रेन किर्बी और बेथ मीड घुटने की चोट के कारण विश्व कप का हिस्सा नहीं थीं।

इंग्लैंड की कोच सारिना वेगमैन पहली कोच बनीं जिनके मार्गदर्शन में टीमों ने लगातार दो विश्व कप फाइनल में जगह बनाई। उनके मार्गदर्शन में 2019 में नीदरलैंड की टीम भी फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे अमेरिका के खिलाफ 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था। वह लगातार दो फाइनल गंवाने वाली भी पहली कोच बनीं।
इस मुकाबले को देखने के लिए स्टेडियम में 75 हजार 784 दर्शक मौजूद थे जिसमें महान टेनिस खिलाड़ी बिली जीन किंग भी शामिल थीं।

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