न्यूजीलैंड के बायें हाथ के स्पिनर मिशेल सैंटनर को लगता है कि पिछले 12 महीनों में बल्लेबाजी के ज्यादा मौके मिलने से उनके ‘पावर गेम’ में सुधार हुआ है और उन्हें उपयोगी पारियां खेलने में मदद मिली।
सैंटनर ने बुधवार को अपना तीसरा वनडे अर्धशतक जमाया और माइकल ब्रेसवेल का अच्छा साथ निभाते हुए सातवें विकेट के लिये 162 रन की साझेदारी निभायी जिससे न्यूजीलैंड की टीम हैदराबाद में भारत के खिलाफ पहले वनडे में लक्ष्य के करीब पहुंच गयी थी।
आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उनकी रणनीति बिलकुल सरल थी कि वह पहली गेंद से ही छक्के जड़ेंगे।
न्यूजीलैंड के बाकी बल्लेबाजों की तरह उन्होंने शुक्रवार को यहां शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में स्पिनरों का सामना किया और ज्यादातर गेंदों को पार्क के बाहर हिट करने की कोशिश की।
दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर सैंटनर ने कहा, ‘‘एक आल राउंडर होने के नाते आपको दोनों विभागों (गेंदबाजी और बल्लेबाजी) में योगदान देना होता है। पिछले साल से ही मुझे बल्लेबाजी करने के काफी मौके मिल रहे हैं जिससे मदद मिली है। कभी कभार जब आप निचले स्थान पर होते हो तो यह काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है क्योंकि आपके पास बस तीन या चार ओवर बचे होत हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘सातवें और आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए आपको पहली ही गेंद से हिट करना होता है। आप अभी भूमिका के लिये ट्रेनिंग करते हो और मैं नेट में यही करने की कोशिश करता हूं और छक्के जड़ने का प्रयास करता हूं। जब आपके पास बल्लेबाजी के लिये ज्यादा समय होता तो आप अपनी पारी में ज्यादा समय दे सकते हो। ’’ सैंटनर ने कहा, ‘‘कभी कभार आप जब क्रीज पर आते हो तो बस 15 ओवर बचे होते हैं और कभी कभार केवल दो ओवर ही बचे होते हैं। लेकिन आपको दोनों में ही खेलना आना चाहिए।