खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में पहलवान बजरंग पूनिया द्वारा अपना पद्मश्री लौटाने के विवाद पर शनिवार को यहां कुछ कहने से इनकार कर दिया।
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और विरोध पत्र सौंपने के लिए नयी दिल्ली के कर्तव्य पथ (प्रधानमंत्री आवास के बाहर) पर पहुंचे थे। पुलिसकर्मियों ने हालांकि उन्हें वहां रोक दिया। इसके बाद बजरंग ने अपना पद्मश्री पदक फुटपाथ पर इस पत्र पर रख दिया।
ठाकुर ने यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में शीर्ष खिलाड़ियों और एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के सम्मान समारोह के मौके पर कहा, ‘‘मैं पहले ही काफी बोल चुका हूं। अब और कोई टिप्पणी नहीं।’’
ठाकुर ने इस मौके पर साई में नई छात्रावास सुविधाओं और एक सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने पिछले चैंपियनों से उभरते एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों (हांग्झोउ में) और एशियाई पैरा खेलों दोनों में 100 से अधिक पदक जीते। उनकी कहानियों को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उनके रवाना (एशियाई खेलों के लिए) होने से पहले उनसे पूछा था कि क्या वे 100 पदक के आंकड़े को पार कर पाएंगे और उन्होंने सामूहिक तौर पर इसका भरोसा जताया था और वे इस पर खरे भी उतरे।’’
खेल मंत्री ने इस मौके पर पूर्व चैंपियनों से भविष्य की प्रतियोगिताओं में सफलता बरकरार रखने के लिए योगदान देने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कई बड़ी प्रतियोगिताएं जीती हैं। हमने पिछले साल पहला थॉमस कप जीता था। हमने हॉकी, एथलेटिक्स और अन्य स्पर्धाओं में भी काफी सफलता देखी थी। अब, चैंपियन खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आने वाले युवाओं को अपनी समझ और अनुभव प्रदान करें ताकि हम भविष्य में और बेहतर कर सकें।