इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने क्रिकेटरों से आग्रह किया कि वे ड्रेसिंग रूम के अंदर ऐसे हंसी मजाक से बचें जिसमें नस्लीय उत्पीड़न या धमकाने जैसी बात आये जिससे अजीम रफीक प्रकरण जैसे विवादों से बचा जा सके।
पाकिस्तान में जन्में क्रिकेटर रफीक एक दशक तक काउंटी टीम यार्कशर के लिये खेले, उन्होंने ब्रिटेन के ‘डिजिटल, संस्कृति, मीडिया एवं स्पोर्ट’ (डीसीएमएस) विभाग को नवंबर 2021 में बताया कि साथी क्रिकेटरों द्वारा नस्लीय टिप्पणियों और व्यवहार से वह अपनी जिंदगी को खत्म करने के बारे में भी सोचने लगे थे।
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के क्रिकेट निदेशक स्ट्रास ने बुधवार को लार्ड्स में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब काउड्रे भाषण में कहा कि अलग अलग राष्ट्रीयता वाले खिलाड़ी अब ड्रेसिंग रूम में पहले से ज्यादा दिखने लगे हैं इसलिये साथी क्रिकेटरों को कुछ भी कहने और करने से पहले थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।
इंग्लैंड के सबसे सफल कप्तानों में से एक स्ट्रॉस ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘हम खेल में विभिन्न लिंग, जाति और अलग तरह की मान्यतायें रखने वाले खिलाड़ियों के साथ होते हैं और शायद ड्रेसिंग रूम में होने वाली ऐसी बातचीत या मजाक से बचने की जरूरत है जो नस्लीय न लगे। ’’
स्ट्रॉस ने ‘खेल भावना’ की महत्ता पर भी जोर दिया और कहा कि पिछले डेढ़ साल पहले अजीम रफीक प्रकरण ने इंग्लैंड क्रिकेट की छवि को नुकसान पहुंचाया और इससे दिखाया कि खेल की छवि को बचाये रखने के लिये काफी कुछ किये जाने की जरूरत है।