इंडियन प्रीमियर लीग में इस बार का एक ऐतिहासिक लम्हा रहा जब दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने चेपॉक स्टेडियम में दौड़कर महेंद्र सिंह धोनी को ढूंढा और उनका ऑटोग्राफ अपनी पहनी हुई शर्ट पर लिया। ये पल इतना ऐतिहासिक और भावनात्मक था कि इसे सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया गया है।
इस घटना के बाद खुद भारतीय टीम के दिग्गज और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने खुलासा किया है कि उनके लिए भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ऑटोग्राफ लेने का लम्हा उनके लिए बेहद भावनात्मक रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने स्पेशल मेमोरी बनाने के उद्देश्य से ये कदम उठाया था, जो बेहद ही विशेष और भावनात्मक रहा था।
गौरतलब है कि सुनील गावस्कर ने रविवार 14 मई को चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा इस सीजन के अंतिम मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैदान में खेलने उतरी थी मगर इस मुकाबले में चेन्नई को छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।
इस मुकाबले के बाद ही चेन्नई की टीम ने पूरे स्टेडियम में लैप ऑफ ऑनर दिए जाने का फैसला किया था। इसी बीच सुनील गावस्कर ने भी महेंद्र सिंह धोनी से अपनी शर्ट पर ही ऑटोग्राफ लिया था। गावस्कर के हवाले से विज्ञप्ति में कहा, ‘‘जब मुझे पता चला कि चेन्नई सुपरकिंग्स और महेंद्र सिंह धोनी चेपक में लैप ऑफ ऑनर लगाने वाले हैं तो मैंने विशेष स्मृति तैयार करने का फैसला किया। यही कारण है कि मैं महेंद्र सिंह धोनी का ऑटोग्राफ लेने के लिए उनकी ओर भागा। यह चेपक में उसका आखिरी घरेलू मैच था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं माही (धोनी) के पास गया और मैंने जो शर्ट पहनी थी उस पर उससे ऑटोग्राफ देने का आग्रह किया। काफी अच्छा लगा कि उसने इसे स्वीकार किया। यह मेरे लिए काफी विशेष लम्हा था क्योंकि इस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट में बेजोड़ योगदान दिया है।’’ सुपरकिंग्स की टीम अभी अंक तालिका में दूसरे स्थान पर चल रही है और उसका आईपीएल प्ले ऑफ में जगह बनाने का दावा मजबूत है। लेकिन अभी यह तय नहीं है कि क्या धोनी की अगुआई वाली टीम चेपक लौटेगी जिसे क्वालीफायर एक और एलिमिनेटर की मेजबानी करनी है।
पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने कहा, ‘‘बेशक अगर सुपरकिंग्स प्ले ऑफ के लिए क्वालीफाई करते हैं। तो उसे यहां खेलने का मौका मिलेगा लेकिन मैंने इस लम्हे को विशेष बनाने का फैसला किया। मैं भाग्यशाली था कि कैमरा यूनिट में किसी के पास मार्कर पेन था। इसलिए मैं उस व्यक्ति का भी आभारी हूं।’’ गावस्कर ने इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट इतिहास के दो विशेष लम्हों को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘कपिल देव का 1983 विश्व कप ट्रॉफी उठाना और महेंद्र सिंह धोनी का 2011 विश्व कप फाइनल में विजयी छक्का जड़ना दो क्रिकेट लम्हें हैं जिन्हें मैं मरने से पहले देखना पसंद करूंगा।